Char Dham Yatra 2025: केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के इस दिन से खुलेंगे कपाट, जानें तारीख और इसका धार्मिक महत्व

चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत अक्षय तृतीया से होगी, जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन का पावन अवसर मिलेगा. ये मोक्षदायी यात्रा भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति और पुण्य लाभ का अद्भुत अनुभव कराएगी.

हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा को अत्यंत पवित्र और मोक्षदायी माना गया है. हर साल लाखों श्रद्धालु इस दिव्य यात्रा में भाग लेते हैं, जिसमें वे उत्तराखंड के 4 प्रमुख धाम- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन कर धार्मिक पुण्य अर्जित करते हैं. साल 2025 में भी ये यात्रा भक्तों के लिए विशेष अवसर लेकर आ रही है.

चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पावन दिन से होगी. ये वही दिन है जब यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट विधिवत रूप से खोले जाएंगे. इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. अगर आप भी इस आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बनने की योजना बना रहे हैं, तो इसकी तिथियां और महत्व जानना बेहद जरूरी है.

चारधाम यात्रा 2025: जानें कब खुलेंगे कपाट

चारधाम यात्रा की शुरुआत परंपरागत रूप से यमुनोत्री से होती है. 2025 में ये यात्रा 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में आरंभ होगी. सुबह 10:30 बजे यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

केदारनाथ धाम- उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई 2025 को सुबह 7 बजे खोले जाएंगे. ये धाम भगवान शिव को समर्पित है और पंच केदारों में सबसे प्रमुख माना जाता है.

बद्रीनाथ धाम- चारधाम यात्रा का अंतिम और सबसे भव्य पड़ाव बद्रीनाथ है. ये धाम भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे 'सप्त वैकुंठों' में से एक कहा जाता है. 4 मई 2025 को बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे.

चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व

शास्त्रों के अनुसार, चारधाम यात्रा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और वो जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है. ये यात्रा ना केवल आध्यात्मिक शांति देती है बल्कि व्यक्ति को आत्मिक बल और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में भी प्रेरित करती है.

बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का विश्राम स्थल माना जाता है, जहां वे 6 महीने निवास करते हैं. यहां की पूजा-अर्चना से जीवन के समस्त दोषों का निवारण माना जाता है. वहीं, केदारनाथ धाम भगवान शिव का प्रमुख धाम है. ये हिमालय की गोद में बसा एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां भगवान शंकर विश्राम करते हैं. यहां नर और नारायण नामक दो पर्वत हैं, जिन्हें पौराणिक दृष्टि से अत्यंत पूजनीय माना गया है.

यात्रा की तैयारी कर रहे हैं? ये बातें रखें ध्यान में

  • यात्रा से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और स्वास्थ्य जांच आवश्यक है.

  • कपाट खुलने की तिथियों से पहले होटल, टूर पैकेज और यात्रा परमिट बुक कर लेना फायदेमंद रहेगा.

  • उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रा करते समय स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और दवाइयों, ऊनी कपड़ों और जरूरी सामान के साथ ही यात्रा करें.

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18 April 2025, 12:29 PM IST

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