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कब मनाई जाएगी काल भैरव जयंती? जानिए पूजा विधि और मंत्र

काल भैरव, भगवान शिव का बेहद उग्र और रक्षक रूप माना जाता है. ये दिन मार्गशीर्ष मास की कृष्ण अष्टमी तिथि को मनाया जाता है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

काल भैरव जयंती, हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ पर्व माना जाता है. यह दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप भगवान काल भैरव के प्रकट होने की स्मृति में मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने ब्रह्मांड की रक्षा और न्याय की स्थापना के लिए काल भैरव का रूप धारण किया था.

काल भैरव की पूजा करने के लाभ

काल भैरव को समय और न्याय के देवता कहा जाता है. भक्तों का विश्वास है कि इस दिन सच्चे मन से काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से भय, पाप, नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएं दूर होती हैं. यह दिन उन लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है जो जीवन में स्थिरता और सफलता की कामना करते हैं.

काल भैरव जयंती 2025 की तिथि और मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 11 नवंबर 2025 को सुबह 11:08 बजे प्रारंभ होगी और 12 नवंबर 2025 को सुबह 10:58 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार काल भैरव जयंती का पर्व 12 नवंबर 2025, बुधवार को मनाया जाएगा.

पूजा विधि और नियम

इस दिन भक्त प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करते हैं और भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं. यदि संभव हो तो मंदिर जाकर पूजा करनी चाहिए, अन्यथा घर पर भी श्रद्धा से आराधना की जा सकती है. इसके बाद ॐ काल भैरवाय नमः या ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरुकुरु बटुकाय ह्रीं मंत्र का 108 बार जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है. साथ ही काल भैरव अष्टक का पाठ करने से मन को शांति, आत्मविश्वास और सुरक्षा की अनुभूति होती है.

भोग और अर्पण

भैरव जयंती पर बाबा को विशेष भोग अर्पित करने की परंपरा है. भक्त इस दिन जलेबी, उड़द दाल के पकौड़े और नारियल का प्रसाद अर्पित करते हैं. ऐसा करने से घर में समृद्धि, सुख और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.

पूजा का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव की उपासना से जीवन में आने वाली सभी विपत्तियां दूर होती हैं. भय, पाप और दुर्भावनाओं से मुक्ति मिलती है व व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और सफलता के मार्ग प्रशस्त होते हैं. काल भैरव जयंती का पर्व न केवल भक्ति का प्रतीक है बल्कि यह हमें समय, अनुशासन और न्याय के महत्व की याद भी दिलाता है.

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08 November 2025, 05:51 PM IST

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