जो रूट ने तोड़ा वर्षों का मिथक, विराट कोहली अभी भी इस रिकॉर्ड से दूर
जो रूट ने लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन जबरदस्त बल्लेबाज़ी करते हुए अपना 37वां टेस्ट शतक पूरा किया.

पूर्व इंग्लिश कप्तान जो रूट ने लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन जबरदस्त बल्लेबाज़ी करते हुए अपना 37वां टेस्ट शतक पूरा किया. गुरुवार को 99 रन बनाकर नाबाद लौटे रूट को शुक्रवार की शुरुआत में महज एक गेंद की ज़रूरत थी. उन्होंने चौका लगाकर यह कीर्तिमान हासिल कर लिया. इस शतक के साथ ही रूट अब सचिन तेंदुलकर के टेस्ट रनों के रिकॉर्ड के सबसे करीब पहुंचने वाले बल्लेबाज़ बन गए हैं, उनसे अब केवल 3000 रन पीछे हैं.
भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में 3000 रन पूरे
रूट की यह पारी सिर्फ शतक तक ही सीमित नहीं रही. उन्होंने इसी पारी में भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में 3000 रन पूरे किए. एक ऐसा आंकड़ा जो सक्रिय खिलाड़ियों में सिर्फ स्टीव स्मिथ ने ही पार किया है. स्मिथ के इंग्लैंड के खिलाफ 3417 रन हैं, जबकि रूट अब भारत के खिलाफ दूसरे स्थान पर हैं. ‘फैब फोर’ के बाकी दो सदस्य विराट कोहली और केन विलियमसन अभी इस आंकड़े से काफी पीछे हैं.
जब इंग्लैंड का स्कोर 44/2 था और दोनों सलामी बल्लेबाज डकेट और क्रॉली जल्दी पवेलियन लौट चुके थे, तब रूट मैदान पर आए. उस वक्त भारत के गेंदबाज़ों ने आक्रामक तेवर दिखाए थे. नितीश कुमार रेड्डी ने एक ही ओवर में दो विकेट लेकर इंग्लैंड को संकट में डाल दिया था. लेकिन रूट ने धैर्य से बल्लेबाज़ी करते हुए परिस्थितियों का सम्मान किया और गेंदबाज़ों की लाइन लेंथ का बखूबी सामना किया.
बुमराह, सिराज, आकाशदीप और रेड्डी ने दी कड़ी चुनौती
जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, आकाशदीप और रेड्डी ने कड़ी चुनौती दी, लेकिन रूट ने पूरी सतर्कता और तकनीकी निपुणता से सभी का सामना किया. लंच के बाद उन्होंने अपना गियर बदला, ढीली गेंदों को बाउंड्री में बदला और स्कोर को गति दी. उन्होंने बेहतरीन कवर ड्राइव और कट शॉट्स लगाए जिससे दर्शकों को उनकी क्लासिक बल्लेबाज़ी देखने को मिली.
रूट और ओली पोप ने मिलकर अहम साझेदारी निभाई जिसने शुरुआती झटकों से टीम को उबारा. बाद में कप्तान बेन स्टोक्स के साथ उनकी साझेदारी ने इंग्लैंड को स्थिरता दी. दिन का खेल समाप्त होने तक इंग्लैंड का स्कोर 251/4 था.
अपने घरेलू मैदान लॉर्ड्स में रूट का यह 22वां टेस्ट शतक था. इसके साथ ही उन्होंने स्टीव स्मिथ के 36 शतकों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया और खुद को आधुनिक युग के सबसे महान बल्लेबाजों में एक बार फिर साबित कर दिया. उनकी यह पारी संयम, समझदारी और क्लासिक इंग्लिश तकनीक की बेजोड़ मिसाल रही.


