कथावाचक को गार्ड ऑफ ऑनर देने पर विवादों में घिरे बहराइच SP, DGP ने मांग जवाब
उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले में पुलिस परेड ग्राउंड में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मशहूर धार्मिक वक्ता पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने इस घटना का गंभीर संज्ञान लिया और बहराइच के पुलिस अधीक्षक (SP) से स्पष्टीकरण मांगा है.

बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से सामने आया एक वीडियो इन दिनों सियासी और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने का मामला तूल पकड़ चुका है. वीडियो वायरल होने के बाद यूपी पुलिस महानिदेशक (DGP) ने इसे गंभीरता से लेते हुए बहराइच के पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण तलब किया है.
कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को मिला गार्ड ऑफ ऑनर
विवादित घटना बहराइच के पुलिस परेड ग्राउंड की है, जहां मथुरा-वृंदावन के कथावाचक आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को आमंत्रित किया गया था. वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि SP आरएन सिंह स्वयं परेड का नेतृत्व कर रहे हैं. रेड कार्पेट बिछाया गया है और वर्दीधारी पुलिसकर्मी कथावाचक को सलामी दे रहे हैं. यह दृश्य आमतौर पर संवैधानिक पदों या आधिकारिक अवसरों पर ही देखने को मिलता है.
कार्यक्रम के दौरान पुंडरीक गोस्वामी ने मंच से पुलिसकर्मियों को संबोधित भी किया. कार्यक्रम की रील और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए, जिसके बाद इस पर सवाल उठने लगे कि क्या किसी धार्मिक व्यक्ति को सरकारी प्रोटोकॉल के तहत ऐसा सम्मान दिया जा सकता है.
SP ने दी सफाई
विवाद बढ़ने के बाद बहराइच पुलिस ने सफाई जारी की. पुलिस के अनुसार, प्रशिक्षण के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों में मानसिक तनाव और अवसाद की शिकायतें सामने आई थीं, यहां तक कि कुछ मामलों में त्यागपत्र भी दिए गए. इसी को देखते हुए मनोबल बढ़ाने और प्रेरणा देने के उद्देश्य से पुंडरीक गोस्वामी को आमंत्रित किया गया था. हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि प्रेरक व्याख्यान और गार्ड ऑफ ऑनर में बड़ा फर्क है.
सलामी देना संविधान पर सीधा हमला है
नगीना से सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि भारत एक संवैधानिक गणराज्य है, कोई धार्मिक राज्य नहीं. किसी कथावाचक को पुलिस परेड और सलामी देना संविधान पर सीधा हमला है. वहीं समाजवादी पार्टी ने इसे संविधान और बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान बताया और सवाल उठाया कि कथावाचक किस संवैधानिक पद पर हैं.
DGP ने मांगी रिपोर्ट
यूपी पुलिस महानिदेशक ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए स्पष्ट किया कि पुलिस परेड ग्राउंड का उपयोग केवल प्रशिक्षण, अनुशासन और आधिकारिक कार्यक्रमों के लिए ही किया जा सकता है. अनधिकृत उपयोग और प्रोटोकॉल उल्लंघन के आरोप में बहराइच SP से स्पष्टीकरण मांगा गया है. सूत्रों के मुताबिक, जांच के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है.
कौन हैं पुंडरीक गोस्वामी
पुंडरीक गोस्वामी वृंदावन के युवा और चर्चित कथावाचक हैं, जो सात वर्ष की उम्र से भागवत कथा सुना रहे हैं. उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की है और देश-विदेश में उनके कथा कार्यक्रम आयोजित होते हैं.


