सर्दियों में जोड़ों का दर्द करेगा छूमंतर, इस देसी सूप से मिलेगी अंदरूनी गर्माहट और ताकत
जैसे-जैसे सर्दियां आती हैं, हड्डियों और जोड़ों में दर्द बढ़ने लगता है. आयुर्वेद और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि सर्दियों के महीनों में सही डाइट अपनाने से इस दर्द से लंबे समय तक राहत मिल सकती है. गर्म, पोषक तत्वों से भरपूर सूप फायदेमंद होते हैं, जो शरीर को अंदर से पोषण और ताकत देते हैं. ऐसा ही एक पारंपरिक सूप आजकल जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में अपनी असरदारता के कारण पॉपुलर हो रहा है.

जैसे ही सर्दियों की दस्तक होती है, वैसे ही हड्डियों और जोड़ों के दर्द की शिकायतें बढ़ने लगती हैं. घुटनों में जकड़न, कमर दर्द, गर्दन का अकड़ जाना और जोड़ों में सूजन आम समस्याएं बन जाती हैं. बुज़ुर्गों के साथ-साथ महिलाएं और लंबे समय तक बैठकर काम करने वाले लोग इस परेशानी से ज्यादा जूझते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के मौसम में शरीर की ब्लड सर्कुलेशन धीमी हो जाती है, जिससे हड्डियों और जोड़ों तक जरूरी पोषण ठीक से नहीं पहुंच पाता.
अक्सर लोग दर्द से राहत पाने के लिए पेनकिलर या गर्म पट्टी का सहारा लेते हैं, लेकिन यह अस्थायी उपाय होता है. आयुर्वेद और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सर्दियों में सही खान-पान अपनाकर इस दर्द से लंबे समय तक राहत पाई जा सकती है. खासतौर पर गर्म और पोषक तत्वों से भरपूर सूप शरीर को अंदर से ताकत देता है. ऐसा ही एक देसी सूप इन दिनों जोड़ों के दर्द के लिए बेहद फायदेमंद माना जा रहा है.
हड्डी और जोड़ों के दर्द के लिए असरदार सूप
मूंग दाल, ताजी सब्जियों और देसी मसालों से बना यह सूप प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्वों से भरपूर होता है. यह न सिर्फ शरीर को गर्म रखता है, बल्कि सूजन और अकड़न को कम करने में भी मदद कर सकता है.
सूप बनाने के लिए सामग्री:
धुली मूंग दाल – 2 चम्मच
गाजर – 1 (कटी हुई)
लौकी या पालक – थोड़ी मात्रा
हल्दी – आधा चम्मच
काली मिर्च – आधा चम्मच
देसी घी – 1 चम्मच
अदरक – छोटा टुकड़ा
नमक – स्वादानुसार
पानी – 2 कप
सूप बनाने की विधि
कुकर में घी डालकर अदरक हल्का भून लें. अब मूंग दाल और सब्जियां डालें. हल्दी, काली मिर्च और नमक मिलाएं. पानी डालकर 2 सीटी आने दें. ठंडा होने पर हल्का मिक्स करें और गुनगुना पिएं.
इस सूप के फायदे
यह सूप जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है. हल्दी और अदरक के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण दर्द से राहत देते हैं. मूंग दाल और सब्जियों से मिलने वाला प्रोटीन और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है. सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखता है और पेट के लिए भी हल्का रहता है. नियमित सेवन से पेनकिलर पर निर्भरता कम हो सकती है.
कब और कैसे लें
इसे रात के खाने में या सोने से एक घंटा पहले पिएं. हफ्ते में 4-5 दिन गुनगुना ही सेवन करें.जिनका यूरिक एसिड ज्यादा रहता है या गंभीर आर्थराइटिस की समस्या है, वे पहले डॉक्टर से सलाह लें
डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए है. किसी भी तरह की चिकित्सा सलाह के लिए विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श जरूर करें.


