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उस्मान हादी कौन थे? बांग्लादेशी छात्र विद्रोह के नेता पर हुआ था हमला, सिंगापुर में इलाज के दौरान तोड़ा दम

बांग्लादेश के छात्र विद्रोह नेता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. ढाका में हुए गोलीकांड के बाद उन्हें एयरलिफ्ट किया गया था. अंतरिम सरकार ने जांच, शोक और शांति बनाए रखने की अपील की है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः बांग्लादेश में वर्ष 2024 के छात्र विद्रोह से राष्ट्रीय पहचान बनाने वाले नेता शरीफ उस्मान हादी का गुरुवार को सिंगापुर में निधन हो गया. सिंगापुर के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि उन पर हुए जानलेवा हमले में आई गंभीर चोटों के कारण उनकी मौत हुई. बेहतर इलाज के लिए 15 दिसंबर को उन्हें एयर एम्बुलेंस के जरिए सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल (SGH) लाया गया था, जहां वे न्यूरोसर्जिकल आईसीयू में भर्ती थे.

डॉक्टरों की तमाम कोशिशें रहीं नाकाम

सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने बताया कि SGH और नेशनल न्यूरोसाइंस इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हादी की जान बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए, लेकिन सिर में गंभीर गोली लगने के कारण 18 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया. मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि सिंगापुर प्रशासन बांग्लादेश उच्चायोग के साथ मिलकर हादी के पार्थिव शरीर को ढाका भेजने की प्रक्रिया में सहयोग कर रहा है.

ढाका में हुआ था जानलेवा हमला

गौरतलब है कि 12 दिसंबर को ढाका के पलटन इलाके में कल्वर्ट रोड पर उस समय हादी पर हमला किया गया, जब वे बैटरी से चलने वाले एक ऑटो-रिक्शा में यात्रा कर रहे थे. अज्ञात हमलावरों ने उनके सिर में गोली मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें तुरंत ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां से बाद में एवरकेयर अस्पताल में शिफ्ट किया गया. हालत लगातार बिगड़ने पर शनिवार को उन्हें सिंगापुर एयरलिफ्ट किया गया.

कौन था शरीफ उस्मान हादी?

शरीफ उस्मान हादी हसीना विरोधी संगठन ‘इंकलाब मंच’ के प्रमुख नेताओं में गिने जाता था. वह आगामी फरवरी में होने वाले चुनावों में ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे और उसी दौरान चुनाव प्रचार कर रहे थे. इंकलाब मंच जुलाई 2024 में हुए छात्र विद्रोह के दौरान सुर्खियों में आया था, जिसने अंततः शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई.

विवादों में रहा इंकलाब मंच

हालांकि छात्र आंदोलन में भूमिका के बावजूद, इंकलाब मंच को कट्टरपंथी संगठन करार दिया गया. संगठन पर अवामी लीग को भंग कराने की कोशिशों का आरोप भी लगा. अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी सरकार ने बाद में इंकलाब मंच को भंग कर दिया और उसे राष्ट्रीय चुनावों में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया.

यूनुस सरकार ने जांच का भरोसा दिया

हादी के निधन के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने हत्या के प्रयास की गहन जांच कराने का वादा किया. उन्होंने हादी को जुलाई विद्रोह का निडर योद्धा बताते हुए एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की. यूनुस ने कहा कि इस जघन्य हमले के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.

शांति बनाए रखने की अपील

अपने संबोधन में यूनुस ने नागरिकों से संयम बरतने और शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने इशारों में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पर निशाना साधते हुए कहा कि क्रांतिकारियों को डराने की कोशिश करने वाली ताकतें कभी सफल नहीं होंगी. हादी की मौत को लेकर देशभर में शोक और आक्रोश का माहौल बना हुआ है, जिसने बांग्लादेश की राजनीति को एक बार फिर अस्थिर कर दिया है.

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19 December 2025, 07:42 AM IST

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