बदले की आग में धधक उठा बांग्लादेश, उस्मान हादी की मौत के बाद आवामी लीग के दफ्तर में आगजनी, कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन
बांग्लादेश के नेता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत के बाद ढाका सहित कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे. मीडिया दफ्तरों पर हमले हुए, भारत-विरोधी नारे लगे और सरकार ने शांति की अपील के साथ राष्ट्रीय शोक घोषित किया.

नई दिल्लीः बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चले जनआंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले और भारत-विरोधी बयानों के लिए चर्चित रहे शरीफ उस्मान हादी का गुरुवार को सिंगापुर में निधन हो गया. वह इंकलाब मंच के संयोजक थे और हाल के महीनों में देश की राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरे के तौर पर उभरे थे. उनकी मौत की खबर फैलते ही बांग्लादेश के कई हिस्सों में तनाव फैल गया और देर रात तक विरोध प्रदर्शन हुए.
ढाका में भड़की हिंसा
हादी की मौत की सूचना मिलते ही गुरुवार रात ढाका में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए. गुस्साई भीड़ ने राजधानी के करवान बाजार इलाके में स्थित देश के प्रमुख बांग्ला अखबार प्रथम आलो और अंग्रेजी दैनिक डेली स्टार के दफ्तरों पर हमला किया. प्रदर्शनकारियों ने इमारतों में तोड़फोड़ की, फर्नीचर और दस्तावेज बाहर निकालकर आग के हवाले कर दिए. स्थानीय मीडिया के अनुसार, हमले के समय कई पत्रकार और कर्मचारी इमारतों के भीतर फंसे हुए थे. इसके अलावा राजशाही में अवामी लीग के एक कार्यालय को भी आग लगा दी गई.
शाहबाग से चटगांव तक प्रदर्शन
हिंसा की शुरुआत ढाका के शाहबाग चौराहे से हुई, जहां हजारों लोग जमा हो गए और सड़क जाम कर दी. प्रदर्शनकारियों ने हादी की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए. हालात बिगड़ने के बाद प्रदर्शन चटगांव तक फैल गए, जहां देर रात भारतीय उच्चायोग के कार्यालय के बाहर भीड़ इकट्ठा हुई और पत्थरबाजी की गई. इस दौरान भारत-विरोधी और अवामी लीग विरोधी नारे भी लगाए गए.
VIDEO | Dhaka, Bangladesh: Daily Star newspaper building was attacked in Dhaka following death of Sharif Osman Hadi, a prominent leader of the July Uprising and a spokesperson of the Inqilab Manch who was shot last week. Protests erupted in Dhaka as soon as the news of his death… pic.twitter.com/wJSfbc0E01
— Press Trust of India (@PTI_News) December 18, 2025
हादी पर कैसे हुआ था हमला?
गौरतलब है कि 12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान अज्ञात हमलावरों ने शरीफ उस्मान हादी के सिर में गोली मार दी थी. गंभीर रूप से घायल हादी को पहले ढाका के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत नाजुक होने पर 15 दिसंबर को एयर एम्बुलेंस के जरिए सिंगापुर भेजा गया. सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. उनकी मौत की पुष्टि बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय और सिंगापुर के अधिकारियों ने की.
अंतरिम सरकार की अपील
हादी की मौत के बाद अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने ढाका में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और देश को संबोधित किया. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और कानून हाथ में न लेने की अपील की. यूनुस ने हादी को जुलाई विद्रोह का निडर योद्धा बताते हुए कहा कि उनकी आवाज को दबाने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की, मस्जिदों में विशेष दुआओं का ऐलान किया और हादी के परिवार की जिम्मेदारी लेने का वादा किया.
कौन थे शरीफ उस्मान हादी?
शरीफ उस्मान हादी एक छात्र नेता और तेज-तर्रार राजनीतिक कार्यकर्ता थे. वे इंकलाब मंच के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे और 2024 के जुलाई-अगस्त विद्रोह में उनकी भूमिका निर्णायक मानी जाती है, जिसके बाद शेख हसीना सरकार सत्ता से बाहर हुई. हादी अवामी लीग पर संवैधानिक प्रतिबंध की मांग और भारत-समर्थक राजनीति के विरोध के लिए जाने जाते थे. हाल ही में सोशल मीडिया पर ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का नक्शा साझा करने के कारण भी वे विवादों में रहे थे. आगामी चुनाव में वे ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे, लेकिन उससे पहले ही उनकी हत्या ने देश की राजनीति को झकझोर कर रख दिया.


