टीम इंडिया को नहीं मिलेगी असली वर्ल्ड कप ट्रॉफी, जानिए कारण
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जीतकर नया इतिहास बना दिया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ट्रॉफी अब टीम इंडिया के पास नहीं रहेगी?

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जीतकर नया इतिहास बना दिया. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर खिताब अपने नाम किया. पूरे देश में जश्न का माहौल है और खिलाड़ी चमचमाती ट्रॉफी के साथ गर्व महसूस कर रही हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ट्रॉफी अब टीम इंडिया के पास नहीं रहेगी?
क्या कहता है आईसीसी का नियम?
दरअसल, आईसीसी के नियमों के तहत विजेता टीम को असली ट्रॉफी नहीं, बल्कि उसकी ‘रेप्लिका’ यानी नकली प्रति दी जाती है. आईसीसी ने करीब 26 साल पहले एक नियम बनाया था कि किसी भी विश्व कप विजेता टीम को असली ट्रॉफी केवल अवॉर्ड सेरेमनी और फोटोशूट के लिए दी जाएगी. इसके बाद असली ट्रॉफी वापस आईसीसी के पास लौट जाती है.
टीम को जो ट्रॉफी दी जाती है, वह असली जैसी ही होती है. सोने और चांदी से बनी एक डमी ट्रॉफी. असली ट्रॉफी आईसीसी के दुबई स्थित मुख्यालय में सुरक्षित रखी जाती है ताकि वह चोरी या नुकसान से बची रहे.
महिला वर्ल्ड कप 2025 ट्रॉफी की खासियत
महिला वर्ल्ड कप 2025 की ट्रॉफी बेहद खास है. इसका वजन लगभग 11 किलोग्राम और ऊंचाई करीब 60 सेंटीमीटर है. यह चांदी और सोने से निर्मित है. इसके तीन चांदी के कॉलम स्टंप और बेल्स के आकार में बने हैं, जबकि ऊपर गोल सोने का ग्लोब लगा है. इस पर अब तक की सभी विजेता टीमों के नाम खुदे हुए हैं. इस बार भारत का नाम भी पहली बार इस गौरवशाली ट्रॉफी पर दर्ज हो गया है.
महिला वनडे वर्ल्ड कप के अब तक 13 संस्करण खेले गए हैं. इनमें से ऑस्ट्रेलिया ने 7, इंग्लैंड ने 4 और न्यूजीलैंड व भारत ने 1-1 बार खिताब जीता है.
भारत का शानदार प्रदर्शन
नवी मुंबई में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन बनाए. जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 246 रन ही बना पाई और भारत ने 52 रनों से जीत दर्ज की. शेफाली वर्मा ने 87 रन बनाकर और दो विकेट लेकर ऑलराउंड प्रदर्शन किया, जिसके लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया. दीप्ति शर्मा ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 58 रन बनाए और 5 विकेट झटके. साउथ अफ्रीका की ओर से कप्तान लॉरा वुलवार्ट ने 101 रनों की जुझारू पारी खेली, लेकिन वह अपनी टीम को खिताब नहीं दिला सकीं.


