score Card

'मेरे बच्चे चले गए, मेरा आंगन सूना हो गया...भगवान मुझे ले जाता', झालावाड़ हादसे के बाद अपने बच्चों के शव देश बिलख पड़ी एक मां

झालावाड़ के पिपलोदी गांव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई, जिनमें एक मां के दोनों बच्चे शामिल थे. गांव में शोक का माहौल है. मृतकों में सबसे छोटा बच्चा छह साल का था. सरकार ने जांच के आदेश और 10 लाख का मुआवजा घोषित किया है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के पिपलोदी गांव में शुक्रवार, 25 जुलाई को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया. एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात मासूम बच्चों की जान चली गई, जिनमें एक महिला के दोनों बच्चे—एक बेटा और एक बेटी—भी शामिल थे. कुछ दिन पहले तक जिस आंगन में बच्चों की हंसी गूंजती थी, वहां अब मातम पसरा हुआ है.

भगवान मुझे ले जाता, मेरे बच्चे बच जाते

अपने दोनों बच्चों को खोने के गम में डूबी मां का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उन्होंने रोते हुए कहा, “मेरा सबकुछ लुट गया. मेरे आंगन में अब सन्नाटा है. बेटा और बेटी—दोनों थे, दोनों चले गए. काश भगवान मुझे उठा लेता और मेरे बच्चों को बचा लेता.”

शवों से लिपटकर बिलखते परिजन

शनिवार सुबह जैसे ही सातों बच्चों के शव परिजनों को सौंपे गए, एसआरजी अस्पताल के शवगृह के बाहर का दृश्य बेहद हृदयविदारक था. कई महिलाएं बच्चों के शवों से लिपटकर रो रही थीं, तो कुछ लोग स्तब्ध होकर गहरी चुप्पी साधे बैठे थे. गांव का माहौल पूरी तरह शोकमय हो गया.

एक साथ जली पांच बच्चों की चिताएं

हादसे में मारे गए पांच बच्चों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया. यह भयावह दृश्य देख हर आंख नम हो गई. बाकी दो बच्चों की अंत्येष्टि अलग-अलग की गई. इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर दिया है.

शिक्षकों की भूमिका पर उठे सवाल

मृतक बच्चों के परिवारजनों ने स्कूल प्रशासन और शिक्षकों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. एक मां ने कहा, “मास्टर लोग खुद तो बाहर निकल गए, लेकिन बच्चों को भीतर अकेला छोड़ दिया. आखिर वो बाहर क्या कर रहे थे?” यह सवाल सरकारी विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था और जिम्मेदारी पर गंभीर संकेत देता है.

सबसे छोटा बच्चा सिर्फ 6 साल का था

इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वालों में सबसे छोटा बच्चा महज छह साल का था. मृत बच्चों की पहचान पायल (12), हरीश (8), प्रियंका (12), कुंदन (12), कार्तिक, और भाई-बहन मीना (12) व कान्हा (6) के रूप में की गई है. एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत ने पूरे गांव को अंदर से हिला दिया.

सरकार ने की मुआवजे की घोषणा

सरकारी स्कूल की इस लापरवाही को लेकर पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही, उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. स्कूल शिक्षा मंत्री ने पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है.

calender
26 July 2025, 04:43 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag