हरियाणा में मकान ढहने की घटनाओं में 12 लोगों की मौत, 4 लाख का मुआवजा देगी सरकार
हरियाणा में हाल की भारी बारिश ने कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया. मुख्यमंत्री नायब सिंह ने सोमवार को जानकारी दी कि बारिश के कारण मकान ढहने जैसी घटनाओं में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है.

Haryana rain: हरियाणा में हाल की भारी बारिश ने कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को जानकारी दी कि बारिश के कारण मकान ढहने जैसी घटनाओं में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों में फतेहाबाद, भिवानी और कुरुक्षेत्र जिलों के लोग शामिल हैं. भिवानी के कलिंगा गांव में तीन बच्चियों की एक साथ मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिया.
मृतकों के परिजनों को सहायता राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की वित्तीय मदद तुरंत जारी कर दी गई है. इसके अलावा कैबिनेट के सभी मंत्री, बीजेपी विधायक और सरकार को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायक अपनी एक माह की सैलरी राहत कार्यों के लिए दान करेंगे.
राहत और बचाव कार्य
सरकार ने प्रभावित जिलों के लिए 3.26 करोड़ रुपये का रिजर्व फंड जारी किया है. इस राशि से भोजन, कपड़े, अस्थायी आश्रय, पशुओं के लिए चारा, ईंधन और राहत सामग्री की ढुलाई की जा रही है. प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल टीमें भी भेजी गई हैं ताकि बीमार और घायल लोगों को तुरंत इलाज मिल सके.
फसल नुकसान का पंजीकरण
बारिश से खेतों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने ‘ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल’ शुरू किया है. इस पर किसान अपनी फसल के नुकसान का विवरण दर्ज कर सकते हैं. अब तक 2.53 लाख से ज्यादा किसानों ने लगभग 14.91 लाख एकड़ भूमि का पंजीकरण कराया है. साथ ही, प्रशासन को ड्रोन सर्वे के जरिए वास्तविक नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं.
विस्थापितों के लिए राहत कैंप
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परिवारों को पानी भरने की वजह से घर छोड़ना पड़ा है, उनके लिए राहत शिविर लगाए गए हैं. फसल नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को प्रति एकड़ 15,000 रुपये तक मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही, जिन इलाकों में हरे चारे की कमी है, वहां अन्य जिलों से सूखा चारा पहुंचाने की व्यवस्था की गई है.
विपक्ष पर निशाना
मुख्यमंत्री सैनी ने विपक्ष पर भी तंज कसा।. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता अब जाकर प्रभावित इलाकों में जा रहे हैं, जबकि पहले केवल सोशल मीडिया पर बयानबाजी तक सीमित थे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब भी देश में आपदा आती है, कांग्रेस का युवराज विदेश चला जाता है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा लोगों के बीच खड़े रहते हैं.


