घूमने आए थे, लेकिन... उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद से ही 28 पर्यटक लापता, ट्रैवेल एजेंसी पर उठे सवाल
उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने के बाद आए सैलाब और भूस्खलन से भारी तबाही मची है, जिसमें 5 की मौत और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं. केरल-महाराष्ट्र से आए 28 पर्यटकों का एक ग्रुप भी संपर्क से बाहर है, जबकि 150 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है.

Uttarkashi Cloudburst news: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने के बाद आए सैलाब और भूस्खलन ने तबाही मचा दी है. मलबे में दबे लोगों की खोजबीन का कार्य लगातार जारी है. अब तक राहत-बचाव टीमों ने 150 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है, लेकिन कई लोग अब भी लापता हैं. इसी बीच, केरल और महाराष्ट्र से आए पर्यटकों का एक 28 सदस्यीय समूह भी इस आपदा के बाद से गायब है.
परिवारों में बढ़ी चिंता, संपर्क पूरी तरह टूटा
लापता पर्यटकों के परिजनों ने बुधवार को जानकारी दी कि ग्रुप में 20 लोग मूल रूप से केरल के हैं लेकिन वे अब महाराष्ट्र में बसे हुए हैं. बाकी 8 लोग केरल के विभिन्न जिलों से हैं. लापता ग्रुप में शामिल एक कपल के रिश्तेदार ने बताया कि उनके बेटे ने मंगलवार सुबह 8:30 बजे आखिरी बार संपर्क किया था, जब वे उत्तरकाशी से गंगोत्री की ओर जा रहे थे. उसी रास्ते पर भूस्खलन हुआ और उसके बाद से सभी का मोबाइल नेटवर्क बंद है. ट्रैवल एजेंसी, जिसने 10 दिन का उत्तराखंड दौरा आयोजित किया था, वो भी इस ग्रुप का कोई पता नहीं लगा पाई है.
सैलाब में गांव का बड़ा हिस्सा 'तबाह'
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि धराली गांव का आधा हिस्सा कीचड़, मलबा और पानी के भारी बहाव में पूरी तरह दब गया है. गंगोत्री धाम के मार्ग में स्थित ये गांव एक प्रमुख पड़ाव है, जहां कई होटल और होमस्टे मौजूद थे. अब ये इलाका मलबे का ढेर बन चुका है. रिश्तेदारों का कहना है कि ग्रुप के लोगों के फोन की बैटरी भी खत्म हो सकती है, क्योंकि उस क्षेत्र में नेटवर्क की सुविधा पहले से ही सीमित है. इस वजह से अभी उनके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है. हालांकि, रेस्क्यू टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं.
50 से ज्यादा लापता होने की आशंका
मंगलवार को आए सैलाब और भूस्खलन के बाद अब तक कम से कम 5 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. स्थानीय लोगों और प्रशासन का अनुमान है कि 50 से ज्यादा लोग अब भी लापता हो सकते हैं. तेज बहाव और अचानक आई आपदा के चलते कई लोग अपने घरों से बाहर निकल भी नहीं पाए.
रास्ते बंद, राहत कार्यों में मुश्किल
धराली गांव तक पहुंचने वाली मुख्य सड़कें भूस्खलन के कारण पूरी तरह बंद हैं. इससे राहत और बचाव कार्यों में काफी दिक्कत आ रही है. स्थानीय प्रशासन जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से रास्तों को खोलने की कोशिश कर रहा है, ताकि फंसे हुए लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके.


