नासिक में बाइक और बस की भीषण टक्कर में 3 लोगों की मौत, यातायात रहा बाधित
नासिक के भंवरपाड़ा फाटा के निकट एक मोटरसाइकिल और बस की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

Road Accident in Nashik: नासिक ज़िले में सड़क हादसों की श्रृंखला ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सोमवार सुबह ताहराबाद-सटाना मार्ग पर वनोली गांव के पास भंवरपाड़ा फाटा पर हुई दुर्घटना में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. यह हादसा तब हुआ जब महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की बस एक दोपहिया वाहन से टकरा गई.
पुलिस के अनुसार, नंदुरबार से वसई जा रही बस से भिड़ंत के बाद मोटरसाइकिल सवार तीन युवक गोविंदा कालू पवार, विकास जयराम माली और रोशन दयाराम माली की मौके पर ही जान चली गई. तीनों मृतक सुकातमन गांव के निवासी बताए गए हैं. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि मोटरसाइकिल सवार ने वाहन पर नियंत्रण खो दिया था, जिसके चलते यह हादसा हुआ. दुर्घटना के बाद व्यस्त सड़क पर कुछ समय तक यातायात बाधित रहा. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है.
डिंडोरी में हुआ था बड़ा हादसा
इससे पहले जुलाई में डिंडोरी शहर के पास भी एक दिल दहला देने वाली दुर्घटना हुई थी. आधी रात को एक कार और मोटरसाइकिल की टक्कर में सात लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में तीन पुरुष, तीन महिलाएं और एक दो वर्षीय बच्चा शामिल था. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, जन्मदिन समारोह से लौट रही मारुति ऑल्टो कार की भिड़ंत यामाहा MT-15 मोटरसाइकिल से हो गई. टक्कर इतनी भीषण थी कि कार सड़क से उतरकर पानी से भरी नहर में जा गिरी और पलट गई.
दुर्भाग्य से, कार में सवार सभी सात लोग बाहर निकलने से पहले ही डूब गए. वहीं, मोटरसाइकिल पर सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें नासिक जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनका इलाज अब भी जारी है.
अधिकारियों की प्रतिक्रिया और चिंता
दोनों घटनाओं ने ज़िले में सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता और तेज़ कर दी है. पुलिस का कहना है कि हादसों के कारणों की गहन जांच की जा रही है और रिपोर्ट आने के बाद ज़िम्मेदारी तय की जाएगी. अधिकारियों का मानना है कि लगातार हो रही इन दुर्घटनाओं से स्पष्ट है कि सख़्त यातायात नियमों का पालन, बेहतर सड़क ढांचा और लोगों में जागरूकता बढ़ाना अब और भी ज़रूरी हो गया है.
नासिक की ये घटनाएं केवल दुखद व्यक्तिगत क्षति नहीं हैं, बल्कि यह चेतावनी भी हैं कि यदि सुरक्षा उपायों को मज़बूत नहीं किया गया तो भविष्य में ऐसी त्रासदियाँ दोहराई जा सकती हैं.


