इंदौर में पांच मंजिला इमारत अचानक गिरी, मलबे में कई लोग दबे
Building collapses in Indore: रानीपुरा के झंडाचौक पर पांच मंजिला इमारत ढह गई, जिससे कई लोग मलबे में दब गए और बचाव अभियान जारी है. प्रशासन ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने और हादसे की वजहों की जांच शुरू कर दी है.

Building collapses in Indore: इंदौर के रानीपुरा इलाके में सोमवार को झंडाचौक पर स्थित एक पांच मंजिला इमारत अचानक जमींदोज हो गई. हादसा इतना भीषण था कि पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इमारत गिरते ही जोरदार धमाका हुआ और आसपास धूल का गुबार छा गया. आशंका जताई जा रही है कि कई लोग मलबे में दब गए हैं.
नडीआरएफ और एसडीआरएफ अलर्ट
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग अपने स्तर पर बचाव कार्य में जुट गए. फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए चारों ओर प्रयास शुरू हो गए. थोड़ी ही देर में प्रशासन, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें भी मौके पर पहुंच गईं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी अलर्ट कर दिया गया है ताकि राहत और बचाव अभियान तेज़ी से चलाया जा सके.
प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि मलबे से घायलों को निकालकर तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भेजा जा रहा है. अस्पताल प्रशासन को पहले से सतर्क कर दिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. वहीं, इलाके में सुरक्षा घेरा बना दिया गया है और लोगों को भीड़ न लगाने की अपील की जा रही है.
इमारत गिरने की वजह स्पष्ट नहीं
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इमारत गिरने की वजह क्या थी. प्रारंभिक जांच में निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. यह भी देखा जा रहा है कि क्या इमारत की संरचना में कोई गंभीर खामी थी या रखरखाव में लापरवाही बरती गई थी. इंजीनियरों की टीम मलबे का निरीक्षण कर रही है और जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट दी जाएगी.
प्रशासन ने कहा है कि फिलहाल सबसे पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों की जान बचाना है. राहत सामग्री और आवश्यक उपकरण घटनास्थल पर लगातार पहुंचाए जा रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की गई है और घायलों को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया गया है.
हताहतों की संख्या का अनुमान स्पष्ट नहीं
जानकारी के अनुसार, हादसे में हताहतों की सही संख्या का अभी अनुमान नहीं लगाया जा सकता. बचाव अभियान रात भर जारी रहने की संभावना है. सरकार ने संकेत दिया है कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यह घटना न केवल प्रशासन बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि निर्माण कार्यों में लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है. जांच पूरी होने के बाद दोषियों की जवाबदेही तय की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.


