सुखोई-30 के बाद अब राफेल फाइटर जेट से कल उड़ान भरेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू...अंबाला एयरबेस से टेक ऑफ होगा विमान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरने का निर्णय लिया है. यह भारतीय वायुसेना की ताकत और राष्ट्रपति की साहसिकता को प्रदर्शित करता है, विशेषकर 'ऑपरेशन सिंदूर' में योगदान के बाद.

नई दिल्ली : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली हैं. यह एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण घटना है, जो भारतीय वायुसेना की ताकत और आधुनिकता को प्रदर्शित करती है. राष्ट्रपति मुर्मू का यह कदम न केवल उनकी साहसिकता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय वायुसेना की रणनीतिक शक्ति को भी उजागर करता है.
2020 में भारतीय वायुसेना ने शामिल हुआ था राफेल जेट
President Droupadi Murmu took a historic sortie in a Sukhoi 30 MKI fighter aircraft at the Tezpur Air Force Station in Assam. President Murmu is the third President and second woman President to undertake such a sortie. pic.twitter.com/DozRAWm3Yp
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 8, 2023
राष्ट्रपति मुर्मू का फाइटर जेट में उड़ान भरना...
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इससे पहले भी फाइटर जेट्स में उड़ान भर चुकी हैं. 8 अप्रैल 2023 को उन्होंने असम के तेजपुर वायु सेना अड्डे से सुखोई-30 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी. इससे वह भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बन गई थीं, जिन्होंने इस तरह की उड़ान भरी थी. इससे पहले, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल भी इस सम्मान का हिस्सा बन चुके हैं.
भारतीय वायुसेना के लिए राफेल विमानों का महत्व
राफेल विमानों का भारतीय वायुसेना में शामिल होना एक बड़ा कदम था, क्योंकि ये विमान अत्याधुनिक तकनीक और सामरिक दृष्टिकोण से बेहद शक्तिशाली हैं. राफेल की मदद से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव के समय अपने रणनीतिक बल को मजबूत किया है. राफेल विमान अपनी गति, तकनीकी क्षमताओं और सटीकता के कारण युद्ध की स्थिति में बेहद प्रभावी साबित होते हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राफेल जेट में उड़ान भरने का निर्णय, एक ओर जहां उनके साहस को प्रदर्शित करता है, वहीं यह भारतीय वायुसेना की आधुनिकता और ताकत को भी उजागर करता है. भारतीय वायुसेना की भूमिका, विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' में राफेल विमानों का योगदान, यह बताता है कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था अब किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.


