कोटा में एक और छात्र ने किया सुसाइड, 24 घंटे में दूसरा मामला, इस साल का यह चौथा केस, फैमिली ने किया 'नेत्रदान'
इस साल जनवरी में ही 11 दिनों के भीतर चार छात्रों ने आत्महत्या कर ली है. 17 जनवरी को नीट की तैयारी कर रहे 18 वर्षीय छात्र ने हॉस्टल रूम में सुसाइड किया था. इससे पहले जेईई की तैयारी करे हरियाणा के रहने वाले नीरज और मध्य प्रदेश के गुना के रहने वाले अभिषेक ने मौत को गले लगा लिया था.

राजस्थान के कोटा शहर में कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. शनिवार सुबह जवाहर नगर थाना इलाके में एक और कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड कर लिया है. मृतक छात्र का नाम मनन जैन है. वो बूंदी जिले के इंदरगढ़ का निवासी था और अपनी नानी के घर पर रहकर 12वीं कक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम यानी JEE Mains एग्जाम की तैयारी कर रहा था.छात्र ने जेईई मेन्स एग्जाम से चार दिन पहले आत्महत्या कर ली. यह छात्र अपने परिवार का इकलौता वारिस था. बेटे की मौत के बाद उसका पूरा परिवार गम में डूबा हुआ है. यह इस साल जनवरी में छात्र आत्महत्या की चौथी घटना है, जो छात्रों पर बढ़ते दबाव को उजागर करती है.
छात्र अपनी नानी के घर पर परिवार के साथ रहता था. उसके मामा के अनुसार, वह पिछले तीन साल से कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहा था और पढ़ाई में होशियार था. शुक्रवार रात करीब 12 बजे तक उसने अपने मौसेरे भाई के साथ पढ़ाई की. इसके बाद दोनों अपने-अपने कमरों में सोने चले गए. सुबह जब उसका भाई जागा, तो उसने दूसरे कमरे में सो रहे मनन को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. जब वह मनन के कमरे में पहुंचा, तो उसे फंदे से लटका पाया.
इकलौते बेटे के नेत्रदान किए
छात्र के पिता मनीष जैन एक बिजनेसमैन हैं, और वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान था. परिवार ने अपने बेटे का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया और आपसी सहमति से उसके नेत्रदान का निर्णय लिया. मनन के मामा महावीर जैन ने बताया कि परिवार की सहमति से उसका नेत्रदान किया गया है. नेत्रदान के समय माता-पिता का दर्द छलक उठा, और वे लगातार रोते रहे.
एक ही दिन में दो स्टूडेंटस के शवों का हुआ पोस्टमार्टम
कोटा में शनिवार को दो कोचिंग स्टूडेंट के शवों को पोस्टमार्टम करवाया गया. बूंदी के कोचिंग स्टूडेंट मनन के साथ ही ओडिशा के एक स्टूडेंड अभिजीत के शव का भी पोस्टमार्टम करवाया गया. उसने शुक्रवार को मौत को गले लगाया था. ओडिशा के छात्र के परिजन शनिवार को कोटा पहुंचे. एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में बेटे का शव देखकर परिजनों का कलेजा फट पड़ा. पोस्टमार्टम के दौरान परिजनों ने सिस्टम पर भी कई बड़े सवाल खड़े किए.
आंसुओं में भीग रही है कोचिंग सिटी कोटा
अभिजीत के भाई ने कहा की कोटा में स्टूडेंट्स सुसाइड के बढ़ते मामलों की इंक्वायरी होनी चाहिए. अभिजीत कोटा में रहकर जेईई मैंस एग्जाम की तैयारी कर रहा था. परिजनों ने कहा कि उनका बेटा पढ़ाई में होनहार था. वह अपनी मर्जी से कोटा पढ़ने के लिए आया था. वह विज्ञान नगर थाना इलाके के अंबेडकर नगर के पीजी में जैन विला रेजिडेंसी में रहता था. इन दोनों स्टूडेंट्स से पहले बीते सात और आठ जनवरी को हरियाणा तथा मध्य प्रदेश के दो कोचिंग स्टूडेंट्स से सुसाइड कर सबको रूला दिया था. कोटा में 11 दिनों में चार कोचिंग स्टूडेंट्स की सुसाइड की घटनाओं ने कोटा को आंसुओं से भिगो दिया है.
कोटा में बढ़ते सुसाइड का सिलसिला, 24 घंटे में दो सुसाइड
इस साल जनवरी में ही 11 दिनों के भीतर चार छात्रों ने आत्महत्या कर ली है. 24 घंटे पहले (17 जनवरी को) नीट की तैयारी कर रहे 18 वर्षीय छात्र ने हॉस्टल रूम में सुसाइड किया था. इससे पहले जेईई की तैयारी करे दो छात्रों नीरज (हरियाणा का रहने वाला) और अभिषेक (मध्य प्रदेश के गुना का रहने वाला) ने सुसाइड कर लिया था. कोटा, जिसे देश की शिक्षा नगरी भी कहा जाता है, वहां छात्रों पर पढ़ाई का दबाव गंभीर समस्या बन गया है. मनन के मामले में सुसाइड का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन यह घटना एक बार फिर छात्रों की मानसिक स्थिति और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है.
साल 2024 में 19 छात्रों ने किया था सुसाइड
बता दें कि साल 2024 में कोटा में कुल 19 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया था वहीं, साल 2023 में कुल 29 छात्रों के आत्महत्या के मामले सामने आए थे. गंभीर स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन में कई कदम उठाए थे. हॉस्टल के कमरों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाई गई थीं, इसके अलावा छात्रों के लिए एक हेल्प्लाइन नंबर भी जारी किया था, जिससे छात्र अपने किसी भी परेशानी के लिए प्रशासन से बात कर सकते हैं.


