इस शहर में भीख मांगने पर लगा बैन, निगरानी के लिए लगाए जा रहे CCTV कैमरे
Begging Ban in Bhopal: भोपाल जिला प्रशासन ने शहर में भीख मांगने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है. नए आदेश के तहत न केवल भिखारियों को भीख मांगने से रोका जाएगा, बल्कि उन्हें दान देना या उनसे सामान खरीदना भी अवैध माना जाएगा. इस प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए शहर के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि निगरानी बढ़ाई जा सके और नियमों का कड़ाई से पालन हो.

Begging Ban in Bhopal: भोपाल जिला प्रशासन ने शहर में सार्वजनिक स्थलों पर भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है. इसके तहत न केवल भिखारियों को भीख मांगने से रोका जाएगा, बल्कि उन्हें दान देना या उनसे सामान खरीदना भी अवैध माना जाएगा. प्रशासन का कहना है कि यह कदम ट्रैफिक जाम, अवैध गतिविधियों और नशीली दवाओं के दुरुपयोग जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
भोपाल जिला कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 के तहत यह प्रतिबंध लागू किया गया है. इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए शहर के प्रमुख बाजारों, रोटरी, ट्रैफिक सिग्नल और पूजा स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं.
भीख मांगने से ट्रैफिक और कानून-व्यवस्था प्रभावित
कलेक्टर के आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रमुख चौराहों और रोटरी पर भिखारियों की उपस्थिति से यातायात बाधित हो रहा है. इसके अलावा, भिखारी अक्सर आपराधिक गतिविधियों और नशीली दवाओं के सेवन में भी शामिल पाए जाते हैं. प्रशासन का कहना है कि अकेले या अपने परिवार के साथ भीख मांगने वाले न केवल सरकारी निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था को भी प्रभावित कर रहे हैं.
भिखारियों को आश्रय गृह में भेजा जाएगा
शासन ने भिखारियों के पुनर्वास के लिए एक विशेष योजना तैयार की है. इसके तहत, शहर में भीख मांगने वालों को कोलार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास बनाए गए आश्रय गृह में ले जाया जाएगा. वहां उन्हें जरूरी सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
इंदौर में पहले ही लागू हो चुका है सख्त प्रतिबंध
भोपाल में यह कदम इंदौर की तर्ज पर उठाया गया है, जहां पहले ही भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. इंदौर में इस साल 1 जनवरी से भिखारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की गई थी, जिसमें भिक्षा देने और लेने के मामलों में औपचारिक शिकायतें दर्ज की गई थीं.
दान देने या खरीदारी करने पर भी होगी कार्रवाई
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जो कोई भी व्यक्ति भिखारियों को भीख देगा या उनसे कोई सामान खरीदेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आदेश में कहा गया है कि बीएनएस की धारा 223 के तहत ऐसा करने वाले व्यक्तियों को एक साल तक की कैद, ₹2,500 तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
सख्त नियमों के उल्लंघन पर होगी कानूनी कार्रवाई
जो लोग प्रशासन के इस प्रतिबंध का उल्लंघन करेंगे, उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आदेश के अनुसार, भिखारियों को सहयोग देने वाले व्यक्तियों को भी दंडित किया जाएगा. प्रशासन का कहना है कि यह रणनीति न केवल शहर को व्यवस्थित रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह भिखारियों के पुनर्वास और समाज में उनकी उचित स्थिति बहाल करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है.


