शराब घोटाले मामले में भूपेश बघेल और बेटे चैतन्य को SC से नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने HC जाने की दी सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से जुड़ी गिरफ्तारी और जांच के लिए हाई कोर्ट का रुख करने को कहा है. ED ने चैतन्य को इस घोटाले का मुख्य आरोपी बताया है. करीब 2,161 करोड़ रुपये के इस मामले में रिश्वतखोरी और अवैध शराब बिक्री के आरोप हैं. कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदले की साजिश करार दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल को निर्देश दिया कि वे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच और गिरफ्तारी से जुड़े अपने व्यक्तिगत राहत के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का रुख करें. यह मामला बहु-करोड़ के शराब घोटाले से जुड़ा है.
SC ने नई याचिका दायर करने को कहा
आपको बता दें कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ज्योमलय बागची की पीठ ने हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि वे इस मामले को जल्द से जल्द निपटाएं. साथ ही, भूपेश और चैतन्य बघेल ने PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है, जिसमें ED (एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट) को जांच और गिरफ्तारी के अधिकार मिलते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस चुनौती के लिए एक नई याचिका दायर करने को कहा है, जिसे अब 6 अगस्त को सुना जाएगा.
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत
ED ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें 22 जुलाई को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसके बाद चैतन्य ने सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी से सुरक्षा मांगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया.
शराब घोटाले में 2,161 करोड़ से अधिक का नुकसान
भूपेश बघेल और चैतन्य बघेल पर छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में आरोप लगाए गए हैं. ED ने चैतन्य बघेल को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है. ED के अनुसार, इस घोटाले से राज्य को 2,161 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. यह अवैध सिंडिकेट छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के माध्यम से काम कर रहा था. इसमें शराब उत्पादकों से रिश्वत लेकर उन्हें मार्केट शेयर दिया जाता था.
FL-10A लाइसेंस का दुरुपयोग
सरकारी शराब की दुकानों के जरिए ऑफ-द-बुक्स देशी शराब की बिक्री, विदेशी शराब के व्यापार के लिए FL-10A लाइसेंस का दुरुपयोग, और बाजार में गठजोड़ जैसी गतिविधियां इस घोटाले के हिस्से थीं, जिनसे बड़ी मात्रा में अपराध से कमाए गए धन को धोया गया.
मामले में प्रमुख हस्तियों के नाम
ED ने इस घोटाले में कई प्रमुख लोगों के नाम भी लिए हैं, जिनमें अनवर ढेबर और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी अनिल तुतेजा शामिल हैं. इसके साथ ही पूर्व Excise मंत्री कवासी लखमा पर भी आरोप हैं कि वे नियमित रूप से कमीशन लेते थे.अब तक इस मामले में करीब 205 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाया साजिश का आरोप
कांग्रेस पार्टी ने इस गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए इसे “राजनीतिक बदले की घोर निंदनीय कार्रवाई” बताया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष के नेताओं को निशाना बना रही है ताकि छत्तीसगढ़ के आगामी चुनावों को प्रभावित किया जा सके.
बढ़ते राजनीतिक तनाव और आगामी चुनावों पर असर
जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ रहा है और और छापेमारी होने की संभावना जताई जा रही है, यह मामला राज्य के राजनीतिक माहौल में एक बड़ा मुद्दा बन गया है. आगामी चुनावों से पहले इस मामले के कारण राजनीतिक तापमान काफी बढ़ गया है.


