चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बड़ा उलटफेर, AAP-कांग्रेस मिलकर भी नहीं टाल पाए हार...बीजेपी अपना मेयर बनाने में कामयाब
चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर भी बीजेपी को नहीं रोक पाए. बीजेपी उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला मेयर चुनी गई हैं. रप्रीत कौर को कुल 19 वोट मिले. वहीं, आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार प्रेमलता के पक्ष में 17 वोट पड़े. इस बार मतदान गुप्त मतदान प्रणाली के जरिये हुआ.

चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर भी बीजेपी को नहीं रोक पाए. बीजेपी उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला मेयर चुनी गई हैं. बीजेपी उम्मीदवार हरप्रीत कौर को कुल 19 वोट मिले. वहीं, आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार प्रेमलता के पक्ष में 17 वोट पड़े. नंबरगेम आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में था लेकिन बाजी बीजेपी ने मार ली. जानकारी के मुताबिक, आम आदमी पार्टी या कांग्रेस के पार्षदों ने बीजेपी के लिए क्रॉस वोट किया. सभी 35 पार्षदों और एक सांसद ने अपने मत का प्रयोग किया.
इस बार मतदान गुप्त मतदान प्रणाली के जरिये हुआ. ऐसे में क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों का पता लगा पाना भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के लिए आसान नहीं होगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त स्वतंत्र पर्यवेक्षक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर की निगरानी में चुनाव हुए.
मेयर चुनाव में पहला वोट चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने डाला और इसके बाद पार्षदों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. वोटिंग के शुरुआती घंटे में ही बैलट पेपर को लेकर विवाद भी सामने आया. चंडीगढ़ के वार्ड नंबर एक से आम आदमी पार्टी की पार्षद जसविंदर कौर ने बैलट पेपर पर एक डॉट होने का आरोप लगाते हुए वोट डालने के लिए एक और बैलट देने की मांग की.
गौरतलब है कि चंडीगढ़ नगर निगम का कुल संख्याबल 35 है. निगम के 35 पार्षदों के साथ ही चंडीगढ़ के सांसद भी मेयर चुनाव में वोट करते हैं. कुल मिलाकर 36 वोट हैं. सौ फीसदी वोट पड़े लेकिन क्रॉस वोटिंग के कारण आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा. चंडीगढ़ के निगम सदन में 13 पार्षदों के साथ आम आदमी पार्टी दूसरे और कांग्रेस छह पार्षदों के साथ तीसरे नंबर पर है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पास सांसद के वोट समेत कुल 20 वोट हैं जो जीत सुनिश्चित करने के लिए जरूरी 19 से एक ज्यादा है.
कौन हैं हरप्रीत कौर बबला?
हरप्रीत कौर बबला सेना से रिटायर्ड कर्नल की बेटी हैं. उनके पति देविंदर सिंह पूर्व पार्षद रह चुके हैं. इस चुनाव में हरप्रीत कौर बबला का सामना आम आदमी पार्टी की प्रेम लता से था. प्रेम लता भारतीय वायुसेना से रिटायर अधिकारी की पत्नी हैं. वह फिलहाल एक सरकारी स्कूल में इंग्लिश की टीचर हैं.
वोटिंग से ठीक पहले कुलदीप कुमार को मिली जमानत
मेयर चुनाव के लिए वोटिंग से पहले चंडीगढ़ के सिटिंग मेयर कुलदीप कुमार को बड़ी राहत मिली थी. भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी. इसके बाद उन्होंने इस चुनाव में अपना वोट डाला. कुलदीप कुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत और मेयर चुनाव के दौरान वोट करने की हाई कोर्ट से अनुमति मांगी थी.
कुलदीप कुमार और उनके साले राहुल पर भ्रष्टाचार का केस
चुनाव से कुछ घंटे पहले कुलदीप कुमार और उनके साले राहुल पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है. चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने दोनों पर सफाईकर्मी की नौकरी लगवाने के नाम पर एक व्यक्ति से 75 हजार रुपये लेने के आरोप में केस दर्ज किया है. रवि नाम के एक शख्स ने चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी. जांच के बाद सबूतों के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी.


