Bihar Flood: ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर, PK ने नीतीश पर लगाए संगीन आरोप
Bihar Flood: मॉनसून आने के बाद से बिहार हर साल बिहार में सैलाब का आ जाता है. हाल ही में नेपाल ने गंडक नदी के अंदर भारी मात्रा में पानी छोड़ दिया. जिसके बाद बिहार के कई जिले बाढ़ की खतरे का सामना कर रहे हैं. प्रशासन ने लगातार नजर बनाकर रखी हुई है. साथ ही लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए भी कहा है. इसके अलावा बाढ़ के मुद्दे पर प्रशांत किशोर ने राज्य सरकार पर संगीन आरोप लगाए हैं.

Bihar Flood: गर्मी से राहत तभी मिलती है जब मॉनसून आ जाता है लेकिन मॉनसून की एंट्री होने के बाद आम लोगों की मुसीबतें भी बढ़ जाती हैं. फिलहाल महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तराखंड और बिहार समेत कई राज्यों में बारिश लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है. हाल ही में बिहार के अलग-अलग जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई है. इसके अलावा नेपाल की तरफ से छोड़े गए पानी के बाद से गंडक नदी भी अपने उफान पर बह रही है. ऐसे में आस पास के इलाकों में बाढ़ की संभावना जाहिर की जा रही है.
नेपाल ने छोड़ा पानी:
खबरों के मुताबिक नेपाल में भारी बारिश के बाद शनिवार को 2 लाख 97 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिसके बाद गंडक नदी का जल स्तर बढ़ गया. पानी बढ़ते स्तर को देखते हुए जल संसाधर विभाग ने अगले दो दिन काफी अहम बताए हैं. उन्होंने कहा कि अभी नेपाल की तरफ से 2.97 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. हालांकि लगभग पांच लाख क्यूसेक पानी की आने की संभावना है. ऐसे में गोपालगंज समेत आसपास इलाकों में भारी पानी भरने की आशंका है. लोगों को परेशानी से बचाया जा सके इसके लिए जिला प्रशासन के तमाम अफसर तटबंधों पर रात में भी निगरानी कर रहे हैं.
Patna: Continuous rainfall has led to a rise in the water level of the Ganga River. Several rivers in Bihar, including the Kosi and Gandak, are in spate as the water level is rising rapidly every day pic.twitter.com/CYsKJVjFZU
— IANS (@ians_india) July 6, 2024
कोसी-परमान नदी भी बनी हुई हैं खतरा:
गंडक के अलावा कोसी और परमान नदी भी लोगों के लिए खतरा बनी हुई है. कोसी नदी खगड़िया जिले में और परमान नदी अररिया जिले में खतरे के निशान से ऊपर है. जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर निचले इलाकों में बसे लोगों से ऊंची और सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की है. साथ ही संभावित बाढ़ के खतरे के चलते माल-मवेशियों की सुरक्षा को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा नाविकों को भी कहा गया है कि वो नदियों से दूर रहे हैं.
केंद्र सरकार भी एक्टिव:
हालांकि सरकार का कहना है कि उसने तमाम तरह की तैयारियां कर ली हैं. इस संबंध केंद्र सरकार ने एक एक कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी ने पानी छोड़ने जाने से एक दिन पहले यानी शुक्रवार को बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी समेत कई अफसरों के साथ मीटिंग की. इस दौरान राज्य में सैलाब से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की गई. विभाग की तरफ से जारी किए गए एक बयान के मुताबिक पांच सदस्यीय कमेटी ने मंत्री और विभाग के सीनियर अफसरों से मुलाकात की और राज्य में केंद्र के उठाए जा रहे कई उपायों पर चर्चा की.
प्रशांत किशोर ने लगाए गंभीर आरोप:
बिहार में हर साल मॉनसून आने के बाद बाढ़ का मुद्दा का खतरा पैदा हो जाता है. इस पर सियासत भी होने लगती है. इसी कड़ी में प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें डबल इंजन की बजाए आप 4 इंजन भी दे दें तो कुछ नहीं होगा. क्योंकि वो पूरी तरह से फेल हो चुके हैं. उन्होंने कहा का जब पहला ही इंजन फेल है तो उसके बाद कितने ही इंजन लगा दीजिए कुछ नहीं होगा. उन्होंने जल संसाधन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो बाढ़ में पैसा कमाओ, सुखाड़ में पैसा कमाओ और दोनों से जब न हो तो जल जमाव से पैसा कमाओ. जल प्रबंधन विभाग नहीं है ये जल कुप्रबंधन विभाग है. उन्होंने आगे कहा कि राज्य की 50 फीसद जमीन बाढ़ से प्रभावित है और बाकी 50 फीसद जमीन सूखे या फिर जल जमाव से प्रभावित है.