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CM नीतीश के साथ एक हेल्पर चाहिए...हिजाब विवाद पर बोले सपा प्रमुख अखिलेश यादव

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा युवती के हिजाब हटाने के मामले ने राजनीतिक और सामाजिक विवाद को जन्म दिया है. भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने सीएम का समर्थन किया, जबकि विपक्षी दल, खासकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आलोचना की.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

बिहार : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान एक मुस्लिम युवती का हिजाब हटाने का मामला देशभर में चर्चा का विषय बन गया है. इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही स्तरों पर बहस को जन्म दिया है. भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मामले में मुख्यमंत्री का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया.

भारत किसी इस्लामिक देश की तरह नहीं...
आपको बता दें कि गिरिराज सिंह ने सवाल उठाया कि जब लोग पासपोर्ट बनवाने या एयरपोर्ट पर यात्रा करते हैं, तो क्या उनका चेहरा नहीं दिखता? गिरिराज सिंह का कहना था कि नीतीश कुमार ने इस मामले में अभिभावक की भूमिका निभाई और कानून का पालन सुनिश्चित किया. उनका तर्क था कि भारत किसी इस्लामिक देश की तरह नहीं है, और सभी नागरिकों को कानून के तहत समान व्यवहार का अधिकार है.

माफी की मांग कर रहा विपक्ष 

वहीं, विपक्षी दल इस विवाद को लेकर मुख्यमंत्री की आलोचना कर रहे हैं और उनसे माफी की मांग कर रहे हैं. इस घटना ने राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया है और विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ एक हेल्पर होना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके. अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा कि किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को चोट पहुंचाना स्वीकार्य नहीं है और इस मामले की निंदा विश्व स्तर पर भी हो रही है.

मामला सिर्फ हिजाब तक सीमित नहीं...अखिलेश यादव 
अखिलेश यादव ने अपने बयान में यह भी कहा कि यह मामला सिर्फ हिजाब तक सीमित नहीं है. उन्होंने बिहार सरकार पर SIR प्रक्रिया में दबाव बनाने और वोटों में कटौती करने का आरोप लगाया. इसके अलावा उन्होंने खाद की कमी, प्रदूषण की स्थिति और सरकारी मशीनरी की अनियमितताओं पर भी सवाल उठाए. उन्होंने स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी के विधायक इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेंगे और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेंगे. अखिलेश यादव ने इस बात पर जोर दिया कि प्रशासनिक फैसले और कानून का पालन समाज में विश्वास बनाए रखने के लिए बेहद आवश्यक है.

बिहार में राजनीति में नई बहस 
इस विवाद ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले और प्रशासनिक निर्णय गहन बहस का कारण बन रहे हैं. भाजपा और सपा नेताओं के बयान इसे राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला रहे हैं. यह मामला केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि सामाजिक और धार्मिक संवेदनाओं से भी जुड़ा है. युवाओं, महिलाओं और धार्मिक समूहों के लिए इसका प्रभाव व्यापक है. इस विवाद ने बिहार में राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक बहस को नए सिरे से जीवित कर दिया है और भविष्य में इसके परिणामों पर सभी दलों की नज़र बनी हुई है.

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18 December 2025, 07:42 PM IST

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