'बिहार के सिंघम' शिवदीप लांडे को दो सीटों पर करारी हार, राजनीतिक पदार्पण फीका
अररिया और जमालपुर, दोनों सीटों से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने वाले शिवदीप डब्ल्यू लांडे को करारी हार झेलनी पड़ी और वे किसी भी क्षेत्र में अपनी पहचान को वोटों में तब्दील नहीं कर पाए.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एक नाम सबसे अधिक चर्चा में था पूर्व आईपीएस अधिकारी और जनता के बीच बिहार के सिंघम कहलाने वाले शिवदीप डब्ल्यू लांडे. हालांकि जितनी उम्मीदें उनके राजनीतिक प्रवेश को लेकर थीं, उतना असर उनके नतीजों में दिखाई नहीं दिया.
अररिया और जमालपुर से मिली करारी हार
अररिया और जमालपुर, दोनों सीटों से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने वाले लांडे को करारी हार झेलनी पड़ी और वे किसी भी क्षेत्र में अपनी पहचान को वोटों में तब्दील नहीं कर पाए. जमालपुर सीट, जो लांडे की वजह से लगातार सुर्खियों में रही, वहां जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी नचिकेता मंडल ने 96,683 वोट प्राप्त कर स्पष्ट जीत दर्ज की.
उन्होंने इंडियन इंडिपेंडेंट पार्टी (IIP) के उम्मीदवार नरेंद्र कुमार को 36,000 से अधिक वोटों के अंतर से मात दी. लांडे, हालांकि चर्चा में बने रहे, लेकिन चुनावी मुकाबले में उनके पक्ष में अपेक्षित समर्थन नहीं जुट पाया. अररिया सीट पर भी स्थिति लगभग समान रही. घोषित परिणामों के अनुसार, कांग्रेस उम्मीदवार अबिदुर रहमान ने 91,529 वोट हासिल कर जेडीयू की शगुफ्ता अजीम पर 12,741 मतों से जीत दर्ज की. यहां भी लांडे का अभियान स्थापित नेताओं के सामने कमजोर साबित हुआ और वे निर्णायक चुनौती खड़ी नहीं कर सके.
लांडे पर कोई आपराधिक प्रकरण नहीं
49 वर्षीय शिवदीप लांडे ने दोनों सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में किस्मत आज़माई. उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनके नाम पर कोई आपराधिक प्रकरण नहीं है. वे पेशे से स्नातक प्रोफेशनल हैं और उनकी कुल संपत्ति करीब 20.4 करोड़ रुपये व देनदारियां लगभग 2.7 करोड़ रुपये हैं. पुलिस सेवा में अपने सख्त रवैये और जनता से जुड़ाव के लिए लोकप्रिय रहे लांडे का राजनीतिक सफर उम्मीदों भरा था, परंतु पहला चुनावी अनुभव सफल नहीं रहा.
इस बीच, बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला. एनडीए गठबंधन ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 200 से अधिक सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया और महागठबंधन लगभग पूरी तरह साफ हो गया. शुरुआती बढ़त जल्द ही भारी अंतर में बदल गई व नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य की राजनीति में अब तक के सबसे सशक्त प्रदर्शनों में से एक तक पहुँच गया.
आखिरी नतीजों के अनुसार, एनडीए 202 सीटों पर काबिज हुआ, जबकि महागठबंधन केवल 35 सीटों तक सीमित रह गया. चुनावी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए इसे “शानदार जनादेश” बताया. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के नगरोटा और ओडिशा के नुआपाड़ा में उपचुनावों में भाजपा की जीत के लिए भी जनता को धन्यवाद दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जीत केवल एनडीए की नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों में जनता के भरोसे की जीत है, जिसने चुनाव आयोग में विश्वास को और मजबूत किया है.


