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जम्मू-कश्मीर के रामबन में बादल फटने 3 की मौत, चार लापता...रियासी में भूस्खलन से 7 की मौत

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में बादल फटने से भारी तबाही मची है. इस घटना में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 4 लोग लापता हैं. कई घर और सड़कें बह गई हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन लगातार बारिश के कारण मुश्किलें आ रही हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और प्रशासन अलर्ट पर है. वहीं रियासी में भूस्खलन से 7 की मौत हो चुकी है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Ramban Cloudburst 2025 : जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में शुक्रवार देर रात बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी. अचानक आए पानी के सैलाब और मलबे के चलते कई घर इसकी चपेट में आ गए, जिससे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. अब तक इस प्राकृतिक आपदा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं. बचाव कार्य जारी है लेकिन बारिश और पहाड़ी इलाकों की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में कई कठिनाइयाँ आ रही हैं.

वहीं, रियासी जिले के महौर क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन की गंभीर घटनाएं सामने आ रही हैं. शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, मलबे से अब तक 7 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं, जबकि कई अन्य लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. बचाव कार्य जारी है और राहत टीमें लगातार घटनास्थल पर जुटी हुई हैं.

राजगढ़ क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित
प्रशासनिक जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा असर राजगढ़ इलाके में देखा गया, जहाँ अचानक बादल फटने के कारण तेज बहाव ने कई मकानों को नष्ट कर दिया. कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है. घटना के बाद से ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है. प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य के लिए स्थानीय प्रशासन, NDRF, और SDRF की टीमें तैनात की गई हैं.


सड़कों और पुलों को भी हुआ नुकसान
तेज़ बहाव के कारण न केवल घर तबाह हुए, बल्कि कई छोटी पुलियां और सड़कों को भी भारी नुकसान पहुँचा है. इससे आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है, जिससे राहत कार्यों में देरी हो रही है. प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था करने और क्षतिग्रस्त इन्फ्रास्ट्रक्चर की मरम्मत शुरू कर दी है.

मौसम विभाग ने पहले ही जारी किया था अलर्ट
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश और बादल फटने की चेतावनी जारी कर दी थी, लेकिन बावजूद इसके तबाही को रोका नहीं जा सका. बीते कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में मूसलधार बारिश हो रही है, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं.

पिछले दिनों भी हुईं कई भयावह घटनाएं
रामबन की यह घटना हाल के दिनों में बादल फटने की चौथी बड़ी घटना है. इससे पहले 14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चिसोती गांव में बादल फटने से 65 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें कई तीर्थयात्री शामिल थे. साथ ही कठुआ जिले में अचानक आई बाढ़ में पांच बच्चों सहित सात लोगों की मौत हुई थी. वहीं, रियासी जिले में वैष्णो देवी मार्ग पर हुए भूस्खलन में 34 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी. इन घटनाओं ने जम्मू-कश्मीर में आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

रक्षा मंत्री ने पहले भी किया था दौरा
किश्तवाड़ की घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 24 अगस्त को जम्मू का दौरा कर स्थिति का जायज़ा लिया था. उन्होंने पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था. अब रामबन की घटना के बाद भी केंद्र और राज्य सरकारें राहत कार्यों में जुट गई हैं.

आपदा से निपटने की ज़रूरत और अधिक सशक्त बनानी होगी
बार-बार हो रही बादल फटने और बाढ़ की घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन तंत्र को और मज़बूत करने की ज़रूरत है. इसके साथ ही, स्थानीय लोगों को सतर्क रहने, पूर्व चेतावनी प्रणाली को सुधारने और आपदा के समय सुरक्षित स्थानों तक पहुँचने की व्यवस्था पर भी काम करना बेहद जरूरी हो गया है.

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30 August 2025, 09:15 AM IST

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