सीएम मान ने चंडीगढ़ में बुलाई कैबिनेट की बैठक, ड्रग्स युद्ध पर बड़ा फैसला संभव
पंजाब सीएम भगवंत मान ने चंडीगढ़ स्थित अपने आधिकारिक आवास पर एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक बुलाई. राज्य सरकार ने अब तक इसका कोई औपचारिक एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया है.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार सुबह 10 बजे चंडीगढ़ स्थित अपने आधिकारिक आवास पर एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक बुलाई. इस बैठक की जानकारी अचानक आई. राज्य सरकार ने अब तक इसका कोई औपचारिक एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया है, जिससे राजनीतिक हलकों में कयासबाज़ी तेज़ हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक राज्य में बढ़ रही नशे की समस्या और उससे जुड़ी सरकारी कार्रवाई को लेकर बुलाई गई है.
पिछले कुछ सप्ताहों में पंजाब सरकार ने नशा तस्करी के खिलाफ अभियान को तेज़ कर दिया है. खासकर सीमावर्ती इलाकों में छापेमारी और गिरफ्तारियां बढ़ी हैं. जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री इस बैठक में मादक पदार्थों की तस्करी पर नियंत्रण के लिए कुछ ठोस और कड़े फैसलों की घोषणा कर सकते हैं. माना जा रहा है कि भ्रष्ट अधिकारियों और नशा कारोबारियों के गठजोड़ को तोड़ने के लिए भी सख्त नीति तैयार की जा सकती है.
ड्रग्स के अलावा और भी मुद्दे चर्चा में
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बैठक में नशे के अलावा कुछ अन्य ज्वलंत विषयों पर भी विमर्श हो सकता है. इनमें किसानों के लिए राहत योजनाएं, औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की नीति और कानून-व्यवस्था से संबंधित विषय प्रमुख हो सकते हैं. कई मंत्रियों को उनके जिलों से तत्काल वापस बुलाया गया है, जो इस बैठक की गंभीरता को दर्शाता है.
जनता की निगाहें फैसलों पर टिकीं
प्रदेश में इस आपात बैठक की खबर फैलते ही आम लोगों और मीडिया का ध्यान मुख्यमंत्री के आवास पर केंद्रित हो गया है. जनता यह जानना चाहती है कि क्या इस बार सरकार कोई प्रभावी नीति लागू करेगी जिससे युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाया जा सके. सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों ने लंबे समय से मांग की है कि नशा कारोबारियों और संगठित सिंडिकेट्स पर कड़ी कार्रवाई हो.
राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रिया
विपक्षी पार्टियों ने इस बैठक को सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने की कोशिश करार दिया है. कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने पुनर्वास कार्यक्रमों में पारदर्शिता की मांग के साथ यह भी कहा कि सिर्फ घोषणाओं से कुछ नहीं होगा, जमीनी स्तर पर ठोस क्रियान्वयन ज़रूरी है. कुछ नेताओं ने यह भी मांग की कि नशा नियंत्रण पर ठोस कार्य योजना और समय-सीमा सार्वजनिक की जाए.
संभावित घोषणाओं की प्रतीक्षा
बैठक में विभिन्न विभागों जैसे गृह, स्वास्थ्य और शिक्षा को विशिष्ट भूमिकाएं सौंपी जा सकती हैं. सीमाओं पर निगरानी बढ़ाने, नशामुक्ति केंद्रों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाने व युवाओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने जैसे प्रस्तावों की चर्चा की जा रही है.


