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यूपी में मधुमक्खी पालन के लिए फ्री ट्रेनिंग, जानें कब और कैसे करें आवेदन

यूपी में सरकार सहारनपुर, बस्ती और प्रयागराज में मधुमक्खी पालन (बी-कीपिंग) की 90 दिन की मुफ्त ट्रेनिंग शुरू की जा रही है. उद्यान, कृषि विपणन और कृषि विदेश व्यापार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप ने बताया कि इसका उद्देश्य किसानों को शहद उत्पादन से जोड़ना और उन्हें अतिरिक्त रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

Free training for beekeeping: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है. इसी प्रयास के तहत सहारनपुर, बस्ती और प्रयागराज में मधुमक्खी पालन (बी-कीपिंग) की 90 दिन की मुफ्त ट्रेनिंग शुरू की जा रही है. उद्यान, कृषि विपणन और कृषि विदेश व्यापार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य किसानों को शहद उत्पादन से जोड़ना और उन्हें अतिरिक्त रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है.

सब्सिडी का फायदा

योगी सरकार न केवल मुफ्त ट्रेनिंग दे रही है बल्कि मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 40% तक की सब्सिडी भी उपलब्ध करा रही है. मंत्री सिंह का कहना है कि मधुमक्खी पालन से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और यह पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार साबित होगा. यह ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम पूंजी और समय से अधिक लाभ कमाया जा सकता है.

जानिए कब और कहां होगी ट्रेनिंग?

यह 90 दिन की ट्रेनिंग औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र सहारनपुर, बस्ती और राजकीय उद्यान प्रयागराज में आयोजित होगी. इच्छुक उम्मीदवारों को 16 सितंबर 2025 से पहले आवेदन करना होगा. खास बात यह है कि इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं पास निर्धारित की गई है और महिलाएं व पुरुष दोनों ही आवेदन कर सकते हैं.

आवेदन की प्रक्रिया

ट्रेनिंग में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवार अपने नजदीकी केंद्र से संपर्क कर सकते हैं:

1. संयुक्त निदेशक, औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र (सहारनपुर/बस्ती)

2. अधीक्षक, राजकीय उद्यान (प्रयागराज)

हालांकि, सरकार केवल ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगी, जबकि रहने और खाने की व्यवस्था प्रतिभागियों को खुद करनी होगी.

क्यों है यह पहल खास?

औद्यानिक विभाग के निदेशक डॉ. भानु प्रकाश राम के मुताबिक, मधुमक्खी पालन किसानों के लिए कम लागत में स्वरोजगार का बड़ा साधन बन सकता है. शहद की लगातार बढ़ती मांग से बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं. इसके अलावा मधुमक्खियां फसलों के परागण में भी सहायक होती हैं, जिससे उत्पादन बढ़ता है.

अतिरिक्त आय का अवसर 

इस तरह, यह ट्रेनिंग न केवल किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर देगी, बल्कि उन्हें स्वरोजगार की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी.

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08 September 2025, 04:28 PM IST

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