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भारी बारिश ने पहाड़ों में मचाई तबाही, उत्तराखंड-हिमाचल में मौतों का सिलसिला जारी

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलनों ने हर ओर तबाही मचा दी है. इस प्राकृतिक आपदा में अब तक कई लोग अपनी जान से हाथ गवा बैठें हैं, जबकि दर्जनों अब भी लापता और सैकड़ों फंसे हुए हैं. राहत और बचाव कार्य जोर-शोर से जारी हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Uttarakhand-Himachal Flood Update: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलनों ने एक बार फिर आफत बरपा दी है. इन घटनाओं में अब तक कई लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग लापता हैं और सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं. पहाड़ी राज्यों में इस बार की बारिश ने नदियों का जल स्तर बढ़ा दिया और कई इलाकों में घर, सड़कें और वाहन भूस्खलनों में बह गए.

राज्यों में राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और फायर ब्रिगेड की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने में लगी हैं. पिछले महीने आई बाढ़ की तबाही से उबर रहे लोग अब फिर से इस प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे हैं.

उत्तराखंड में भारी बारिश से मची तबाही

उत्तराखंड में रातभर हुई भारी बारिश ने 15 लोगों की जान ले ली और 16 लोग अब भी लापता हैं. राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, 900 से अधिक लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए थे, जिन्हें राहत टीमों ने सुरक्षित निकाला.

देहरादून जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ. राजधानी में 13 लोग मारे गए, जिनमें उत्तर प्रदेश के मोरादाबाद जिले के आठ लोग शामिल हैं, जिनका ट्रैक्टर-ट्रॉली टोंस नदी में बह गया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवारों को दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की.

सड़कें और पुल टूटे

भारी बारिश से सड़कें और पुल ध्वस्त हो गए. देवभूमि इंस्टीट्यूट, पौंडा में 400-500 छात्र फंस गए थे, जिन्हें SDRF टीमों ने सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया. नैनिताल और पिथौरागढ़ जिलों में एक-एक मौत की सूचना मिली.

खतरे के निशान पर नदियां

गंगा और यमुना नदी चेतावनी स्तर के करीब हैं, जबकि टमसा नदी खतरे के निशान के पास है. देहरादून, चंपावत और उधम सिंह नगर जिलों में 20 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी है.

हिमाचल प्रदेश में त्रासदी

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के ब्रगटा गांव में बड़े पैमाने पर भूस्खलन से एक परिवार के तीन सदस्य दो महिलाएं और एक बच्चा मारे गए.

धर्मपुर में अचानक आई बाढ़ ने गाड़ियां बहा दीं और मुख्य बस स्टैंड में पानी भर गया. दुकानदारों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. चार लोग लापता हैं. शिमला में भूस्खलनों ने हिमलैंड के पास कारों को दफ़न कर दिया और मुख्य सर्कुलर रोड जाम कर दी, जिससे राजधानी पूरी तरह से कट गई.

जुब्बरहट्टी, कांगड़ा, भुंतर, मुरारी देवी और सुंदरनगर में तूफानी बारिश और तेज हवाएं दर्ज की गईं. बिलासपुर और कुफरी में हवा की गति 37 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई.

राहत और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने प्रभावित परिवारों तक तुरंत राहत पहुंचाने के निर्देश दिए. वहीं, बीजेपी के हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधा. अनुराग ठाकुर ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी इस आपदा के समय हिमाचल प्रदेश के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस सरकार की निष्क्रियता सवाल खड़े कर रही है. राज्य सरकार कहां है?"

यह बारिश की तबाही पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा हिमाचल के प्रभावित जिलों के हवाई सर्वेक्षण और 1,500 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा के केवल एक सप्ताह बाद आई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून सीजन में अब तक हिमाचल प्रदेश में कम से कम 236 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

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17 September 2025, 12:09 PM IST

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