हावड़ा-नई दिल्ली सुपरफास्ट ट्रेन में लगी आग, मचा हड़कंप, कई यात्री ट्रेन से कूदे
Howrah-New Delhi train catches fire: हावड़ा-नई दिल्ली सुपरफास्ट ट्रेन की एक बोगी में जामताड़ा के पास आग लग गई, लेकिन लोको पायलट और स्टाफ की त्वरित कार्रवाई से सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. बोगी के अंडर-गियर से चिंगारी के कारण आग लगी थी और ट्रेन की जांच के लिए इसे जामताड़ा स्टेशन ले जाया गया.

Howrah-New Delhi train catches fire: सोमवार को हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग पर उस समय बड़ा हादसा टल गया, जब टाटा-18184 सुपरफास्ट ट्रेन की एक बोगी में अचानक आग लग गई. यह घटना जामताड़ा जिले के कालाझरिया रेलवे ट्रैक के पास हुई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बोगी से अचानक धुआं और लपटें निकलने लगीं, जिससे यात्रियों में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. घबराहट में कई लोग ट्रेन से बाहर कूदने लगे.
लोको पायलट ने दिखाई सूझबूझ
हालांकि लोको पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए ट्रेन को तुरंत रोक दिया और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. करीब 45 मिनट तक ट्रेन को ट्रैक पर रोका गया. इस दौरान रेलवे स्टाफ ने फायर एक्सटिंग्विशर की मदद से आग पर काबू पाया. समय पर की गई इस कार्रवाई से बड़ा नुकसान होने से बच गया.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, आग लगने की वजह बोगी के अंडर-गियर से निकली चिंगारी थी. जैसे ही धुआं फैलना शुरू हुआ, यात्री घबराकर दरवाजों और खिड़कियों से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे. कई लोग बोगियों से कूद भी गए, हालांकि गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.
जामताड़ा स्टेशन ले जाई गई ट्रेन
आग पर नियंत्रण पाने के बाद ट्रेन को जामताड़ा स्टेशन ले जाया गया. यहां पूरे रेक की गहन जांच की गई. अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित बोगी की तकनीकी जांच के लिए इंजीनियरों की टीम को लगाया गया है. इसके साथ ही घटना की विस्तृत जांच भी शुरू कर दी गई है.
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी. इसके लिए ट्रेनों के अंडर-गियर और तकनीकी हिस्सों की विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा. साथ ही, स्टाफ को भी ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए और अधिक प्रशिक्षित किया जाएगा.
रेलवे ने दिया आश्वासन
स्थानीय प्रशासन ने भी राहत कार्यों में सहयोग दिया और मौके पर फायर ब्रिगेड को अलर्ट रखा गया. यात्रियों को सुरक्षित निकालने और उन्हें वापस ट्रेन में बैठाने का कार्य नियंत्रित तरीके से किया गया. रेलवे ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में लापरवाही करने वाले किसी भी कर्मचारी या अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी.


