पहले चरण में 57 सीटों पर JDU को कड़ी टक्कर, उतारे कई नए प्रत्याशी...23 सीटों पर फिर से जीत हासिल करना होगा

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में जदयू 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिनमें 23 सीटें उसकी पुरानी जीत वाली हैं. पार्टी का लक्ष्य इन पर दोबारा कब्जा जमाने का है, जबकि 29 सीटों पर वह पिछली बार दूसरे स्थान पर थी.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

बिहार : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 57 सीटों पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें से 23 सीटें ऐसी हैं जहां 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने जीत हासिल की थी. इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के लिए इन सीटों को दोबारा जीतना एक बड़ी चुनौती और प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है.

पुराने गढ़ को बचाने की जद्दोजहद

आपको बता दें कि जदयू की मजबूत पकड़ वाली कई सीटें इस बार फिर चर्चा में हैं. आलमनगर सीट से नारायण नारायण यादव लगातार जीतते रहे हैं और इस बार भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है. इसी तरह बिहारीगंज, सोनबरसा (सुरक्षित), महिषी, कुशेश्वरस्थान, बहादुरपुर और सकरा जैसी सीटें भी जदयू के पुराने गढ़ मानी जाती हैं. कई सीटों पर पार्टी ने अपने पुराने विधायकों को दोबारा टिकट दिया है, वहीं कुछ स्थानों पर नए चेहरों को मौका दिया गया है.

उभरते समीकरण और प्रत्याशी परिवर्तन
बेगूसराय के मटिहानी क्षेत्र से पिछली बार लोजपा के टिकट पर जीते विधायक अब जदयू में शामिल हो चुके हैं और पार्टी ने उन्हें अपनी “रीक्लेम” सूची में शामिल किया है. वहीं, बरौली और रघुनाथपुर जैसी सीटों पर पहली बार जदयू ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं. मंत्री विजय चौधरी, मदन सहनी और सुनील कुमार की सीटें भी इस चुनाव में अहम साबित हो सकती हैं.

जिन सीटों पर पिछली बार जदयू दूसरे स्थान पर था
पहले चरण में जिन सीटों पर 6 नवंबर को मतदान होगा, उनमें 29 सीटें ऐसी हैं जहां 2020 के चुनाव में जदयू दूसरे नंबर पर रहा था. इनमें सिंहेश्वर, मधेपुरा, दरभंगा ग्रामीण, गायघाट, कांटी, हथुआ, महराजगंज, महनार, मोकामा, फुलवारी शरीफ, और राजपुर जैसी सीटें शामिल हैं. इन क्षेत्रों में पार्टी ने रणनीतिक बदलाव करते हुए कई जगह नए उम्मीदवार उतारे हैं ताकि इस बार स्थिति बदली जा सके.

राजनीतिक समीकरण और जदयू की उम्मीदें
जदयू का फोकस इस बार जातीय संतुलन और स्थानीय नेतृत्व पर है. पार्टी का लक्ष्य है कि नीतीश कुमार की छवि और “सुशासन” के नाम पर वोटों को एकजुट किया जाए. वहीं, विपक्ष इन सीटों पर सरकार विरोधी माहौल का फायदा उठाने की कोशिश में है. अब देखना यह होगा कि जदयू अपने पुराने गढ़ को बचा पाती है या नए समीकरण चुनावी नतीजों को प्रभावित करेंगे.

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04 November 2025, 06:02 PM IST

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