कांवड़ यात्रा के मदेनजर दिल्ली में ‘सनातनी स्टिकर’, सिर्फ शाकाहारी दुकानों को मिली मान्यता
दिल्ली में कांवड़ियों के मार्ग के किनारे स्थित रेस्तरां, भोजनालयों और किराने की दुकानों की दीवारों पर स्टिकर चिपकाना शुरू कर दिया गया है, जिससे यह प्रमाणित होगा कि वे केवल शाकाहारी भोजन ही बेचते हैं.

Kanwar Yatra: नई दिल्ली विश्व हिन्दू परिषद ने कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एक अनूठा कदम उठाया है. संगठन ने शहर में कांवड़ मार्ग के किनारे स्थित रेस्तरां, होटलों और किराने की दुकानों पर विशेष स्टिकर चिपकाने की मुहिम शुरू की है, जो यह प्रमाणित करते हैं कि ये दुकानें केवल शाकाहारी भोजन बेचती हैं. इस पहल का उद्देश्य कांवड़ियों की पवित्र यात्रा को शुद्ध और शाकाहारी बनाए रखना है. यह कदम पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांवड़ मार्ग पर मांस की दुकानें बंद रहेंगी. हालांकि, नगर निगम (एमसीडी) ने साफ किया कि उसके पास ऐसा कोई आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है. विहिप की इस मुहिम के तहत चिपकाए जा रहे भगवा स्टिकरों पर 'गर्व से कहो हम हिंदू हैं' और 'सनातनी व्यवसायी संस्थान' लिखा हुआ है, जो दुकानों की शाकाहारी पहचान को दर्शाते हैं.
स्टिकर अभियान की शुरुआत
विहिप के राज्य महासचिव सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि शहर के 30 जिलों में से प्रत्येक में 5,000 दुकानों पर स्टिकर चिपकाने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि स्टिकर लगाना दुकानदारों की स्वेच्छा पर निर्भर है. गुप्ता ने कहा, "शिव भक्त एक बहुत ही कठिन और पवित्र तीर्थयात्रा करते हैं और उन्हें उचित सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए ताकि यह दूषित न हो." उन्होंने आगे बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि भोजन सनातन धर्म के पारंपरिक मूल्यों के अनुरूप हों, दुकानों पर बेचे जा रहे सामान की जांच की जा रही है.
शाकाहारी शुद्धता पर जोर
विहिप की जमीनी स्तर की टीमें यह सुनिश्चित कर रही हैं कि केवल शाकाहारी भोजन बेचने वाली दुकानों को ही 'सनातनी' स्टिकर प्रदान किए जाएं. गुप्ता ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा संचालित दुकानों को इस अभियान से बाहर रखा गया है. उन्होंने कहा, "भक्त अपनी यात्रा के दौरान अपने पानी के बर्तन भी जमीन पर नहीं रखते. अगर वे इनमें से किसी भी दुकान से खाने के लिए कुछ भी खरीदते हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह सनातन धर्म के पारंपरिक मूल्यों के अनुरूप हो." इसके लिए व्यापारियों से खाना की शुद्धता का स्वैच्छिक प्रमाणीकरण मांगा जा रहा है.
कांवड़ियों के लिए जागरूकता
गुप्ता ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु मुख्य रूप से समितियों द्वारा लगाए गए शिविरों में भोजन करना पसंद करते हैं, लेकिन कई लोग दुकानों और होटलो से भी खाद्य सामग्री खरीदते हैं. इसीलिए विहिप की टीमें दुकानों पर स्टिकर चिपकाने से पहले यह जाँच रही हैं कि वहां बेचे जा रहे खाद्य पदार्थ 'पारंपरिक सनातनी मूल्यों' का पालन करते हैं. साथ ही, कांवड़ियों में यह जागरूकता फैलाई जा रही है कि वे केवल उन दुकानों से सामान खरीदें, जिन पर 'सनातनी' स्टिकर लगा हो.
कांवड़ यात्रा और आगे के कार्य
कांवड़ यात्रा शुक्रवार से शुरू हो चुकी है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं. अगले कुछ दिनों में अन्य राज्यों से आने वाले कांवड़िए दिल्ली पहुंचने लगेंगे. गुप्ता ने बताया कि ज्यादातर श्रद्धालु 23 जुलाई को जल चढ़ाने के साथ अपनी यात्रा समाप्त करने से 3-4 दिन पहले राजधानी पहुंचेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कांवड़ यात्रा समाप्त होने के बाद भी 'सनातनी' दुकानों को प्रमाणित करने का अभियान जारी रहेगा. गुप्ता ने आगे बताया, हम ऐसी सभी दुकानों की एक विस्तृत सूची तैयार करेंगे और उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान करेंगे.


