एयर इंडिया हादसाः क्या होता है इंजन स्विच, कैसे करता है काम? जानिए सबकुछ
एयर इंडिया की बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की 12 जून को अहमदाबाद में हुई दुर्घटना में ईंधन नियंत्रण स्विच की गलती से 'कटऑफ़' स्थिति में परिवर्तन मुख्य कारण था, जिससे इंजन की शक्ति कम हो गई. FAA ने 2018 में 737 विमानों के लिए सलाह दी थी, लेकिन एयर इंडिया ने निरीक्षण नहीं किया.

एयर इंडिया की बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान की 12 जून को अहमदाबाद में हुई दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने एक महत्वपूर्ण तकनीकी पहलू की ओर ध्यान आकर्षित किया है. रिपोर्ट के अनुसार, ईंधन नियंत्रण स्विच का संदिग्ध कार्यवाही इस दुर्घटना का मुख्य कारण हो सकता है.
ईंधन नियंत्रण स्विच का महत्व
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के कॉकपिट में ईंधन नियंत्रण स्विच विमान के इंजन में ईंधन की आपूर्ति को नियंत्रित करते हैं. सामान्यतः, यह स्विच इंजन को चालू या बंद करने के लिए इस्तेमाल होते हैं. ये स्विच थ्रस्ट लीवर के नीचे स्थित होते हैं और इन्हें संचालित करने के लिए पायलट को एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होता है, ताकि स्विच गलत तरीके से न बदले. इन स्विचों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि आकस्मिक उपयोग से बचने के लिए स्विच को खींचने के बाद ही उसकी स्थिति बदली जा सकती है.
सामान्य परिचालन में स्विच का उपयोग
प्रत्येक उड़ान में इन स्विचों का उद्देश्य इंजन को चालू और बंद करना है. 'रन' मोड में, स्विच के जरिए ईंधन इंजनों में प्रवाहित होता है और इंजन चलने लगता है. यदि स्विच को 'कटऑफ़' पर रखा जाता है, तो ईंधन की आपूर्ति तुरंत रुक जाती है और इंजन बंद हो जाता है. यह स्विच उड़ान संचालन के दौरान इमरजेंसी स्थिति के लिए भी जरूरी होते हैं.
हादसे की वजह?
एयर इंडिया की उड़ान 787 के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद, दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच केवल एक सेकंड के अंतराल के साथ 'रन' से 'कटऑफ' मोड में चले गए. इसके कारण दोनों इंजन से ईंधन खत्म हो गया, और इंजन की शक्ति तुरंत कम हो गई. कॉकपिट में कैद एक आवाज़ में एक पायलट दूसरे से पूछता है, "तुमने ईंधन क्यों बंद कर दिया?" दूसरे पायलट ने जवाब दिया, "मैंने नहीं किया." इसके बाद स्विच को 'रन' पर वापस कर दिया गया, लेकिन इंजन समय पर ठीक नहीं हो पाए और दुर्घटना को टाला नहीं जा सका.
स्विच डिज़ाइन
इन स्विचों का डिज़ाइन बेहद सुरक्षित होता है, जिससे गलती से स्विच की स्थिति बदलने की संभावना कम होती है. स्विच और उनके द्वारा नियंत्रित ईंधन वाल्व अलग-अलग तारों और प्रणालियों से जुड़े होते हैं, जो आकस्मिक सक्रियण को रोकने के लिए बनाए गए हैं. इसके बावजूद, जांच रिपोर्ट में कहा गया कि स्विच के संक्षिप्त 'कटऑफ़' स्थिति में बदलने के कारण गंभीर परिणाम सामने आए.
अंतर्राष्ट्रीय विमानन नियामक का पहलू
अमेरिका की संघीय विमानन प्रशासन (FAA) ने 2018 में 737 विमानों में ईंधन नियंत्रण स्विच के संभावित समस्याओं का संकेत दिया था, लेकिन इसमें उड़ान योग्यता पर प्रभाव का कोई उल्लेख नहीं किया गया था. हालांकि, एयर इंडिया ने इसे केवल सलाहकार बुलेटिन समझा और आवश्यक निरीक्षण नहीं किया.


