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हिमाचल में बारिश से हाहाकार! चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बंद, अब तक करीब 200 लोगों की गई जान

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और चट्टानों के गिरने से अब तक 192 लोगों की मौत हो चुकी है और 266 से ज्यादा सड़कें बंद हैं. चंडीगढ़-मनाली हाईवे सहित कई मार्ग अवरुद्ध हैं, जबकि मौसम विभाग ने कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

हिमाचल प्रदेश इन दिनों प्रकृति के प्रकोप से कराह रहा है. भारी बारिश के कारण लगातार हो रहे भूस्खलन और पहाड़ियों से चट्टानों के गिरने से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बंद हो गया है. मंडी और कुल्लू के बीच स्थित कैंची मोड़ के पास सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. अब तक राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 192 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से ज्यादा लोग लापता हैं. प्रदेश में हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि 266 से ज्यादा सड़कों को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद करना पड़ा है. वहीं मौसम विभाग ने ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है.

चंडीगढ़-मनाली हाईवे बंद, कैंची मोड़ पर फंसे वाहन

लगातार भूस्खलन और चट्टानों के गिरने से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बाधित हो गया है. विशेष रूप से मंडी-कुल्लू मार्ग पर स्थित कैंची मोड़ के पास यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है. सैकड़ों वाहन इस मार्ग पर फंसे हुए हैं. सोमवार को अधिकारियों ने बताया कि कुल 266 सड़कें बंद पड़ी हैं, जिनमें ऑट से सैंज तक जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-305 भी शामिल है.

मंडी और कुल्लू जिले सबसे ज्यादा प्रभावित

266 बंद सड़कों में से 155 सड़कें मंडी जिले में हैं, जो हाल ही में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कुल्लू जिले में 68 सड़कें बंद हैं. हिमाचल में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक राज्य को कुल 1,714 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

शिमला के बाईपास पर यातायात बाधित

शिमला शहर के उपनगर पंथाघाटी में रविवार रात को हुए भूस्खलन ने मेहली-शोघी बाईपास मार्ग को पूरी तरह बाधित कर दिया. मलबे और चट्टानों के गिरने से ना केवल सड़क बंद हो गई, बल्कि पास की कुछ दुकानों को भी नुकसान पहुंचा.

लगातार हो रही बारिश से बिगड़े हालात

रविवार शाम से लेकर सोमवार तक कसौली में सबसे ज्यादा 82 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके बाद नैना देवी (62.6 मिमी), जोगिंदरनगर (60 मिमी), ब्रह्मणी (49.2 मिमी), मनाली (45.2 मिमी), शिमला (36.8 मिमी), गुलेर (29 मिमी), मंडी (27.2 मिमी), पंडोह (27 मिमी), करसोग (26.2 मिमी) और सराहन (25.5 मिमी) में बारिश दर्ज की गई है.

1,692 मकानों को नुकसान, जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अब तक कुल 1,692 मकानों को आंशिक या पूर्ण रूप से नुकसान पहुंचा है. प्रदेश में अब तक 54 बार अचानक आई बाढ़, 28 बादल फटने और 48 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. राज्य के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने एक बयान में कहा कि हालिया बारिश और बाढ़ से प्रभावित करीब 95 जलापूर्ति योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है.

आपदा से दहला हिमाचल

राज्य में अब तक 192 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें 20 लोगों की डूबने से, 19 की गिरने से, 17 की बादल फटने, 8 की बाढ़ और 6 की भूस्खलन में मौत हुई है. इसके अलावा 36 लोग अभी भी लापता हैं.

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05 August 2025, 02:19 PM IST

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