मनसे-शिवसेना एकजुट? उद्धव ठाकरे ने दिया मिलकर चुनाव लड़ने का संकेत
उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे राज ठाकरे से खुलकर बातचीत करने को तैयार हैं और आगामी चुनावों पर निर्णय सभी दलों को मिलकर लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए बैलेट पेपर की वापसी की मांग की.

शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने संकेत दिया है कि वह अपने चचेरे भाई राज ठाकरे से खुलकर चर्चा कर सकते हैं और यदि ज़रूरत पड़ी तो सीधे संवाद भी करेंगे. उन्होंने कहा कि राज ठाकरे भी इसी तरह पहल कर सकते हैं, खासकर जब मुद्दा आगामी नगर निगम चुनावों और मराठी भाषा से जुड़ा हो.
एक इंटरव्यू में जब संजय राउत ने उनसे पूछा कि क्या वे राज ठाकरे से मिलने के इच्छुक हैं, तो उद्धव ने साफ कहा कि वह किसी छुपे एजेंडे के साथ नहीं मिलते. उन्होंने कहा कि हम ठाकरे हैं, पर्दे के पीछे नहीं बल्कि खुलकर सबके सामने मिलते हैं.
स्थानीय निकाय चुनावों पर उद्धव ने क्या कहा?
स्थानीय निकाय चुनावों के संदर्भ में जब महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की रणनीति पर सवाल किया गया तो उद्धव ने कहा कि कांग्रेस ने यह स्पष्ट किया है कि उनका स्थानीय नेतृत्व इस पर निर्णय लेगा. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस अलग रणनीति अपनाना चाहती है, तो शिवसेना भी उसी के अनुसार आगे बढ़ेगी.
विधानसभा चुनावों में हुई गलतियों को स्वीकार करते हुए उद्धव ने कहा कि अगर वही भूल दोबारा हुई तो साथ आना बेकार होगा. उन्होंने लोकसभा में एकता की बात कही, लेकिन विधानसभा में स्वार्थ के कारण हुई हार का ज़िक्र किया, हालांकि किसी पर सीधा आरोप नहीं लगाया. ईवीएम पर सवाल उठाते हुए उद्धव ने मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि वोटों की गिनती में अगर थोड़ा समय भी लगे तो कोई हर्ज नहीं, अमेरिका-यूरोप जैसे देश भी बैलेट पेपर से चुनाव कराते हैं.
उद्धव और राज ने 20 साल बाद मंच किया साझा
गौरतलब है कि हाल ही में 'मराठी विजय रैली' में उद्धव और राज ने 20 साल बाद मंच साझा किया. इस मौके पर उनके परिजन भी एक-दूसरे से घुले-मिले और उनके फिर से साथ आने की अटकलें तेज हो गईं.


