राष्ट्रीय खेल घोटाले: CBI ने झारखंड के पूर्व खेल मंत्री के आवास पर मारा छापा

CBI ने रांची में 2011 में हुए 34वें राष्ट्रीय खेलों के लिए करोड़ों रुपये के खेल उपकरण खरीदने में कथित अनियमितताओं के संबंध में झारखंड के पूर्व खेल मंत्री बंधु टिर्की के आवास समेत 16 स्थानों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे।

Janbhawana Times
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CBI ने रांची में 2011 में हुए 34वें राष्ट्रीय खेलों के लिए करोड़ों रुपये के खेल उपकरण खरीदने में कथित अनियमितताओं के संबंध में झारखंड के पूर्व खेल मंत्री बंधु टिर्की के आवास समेत 16 स्थानों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे। सीबीआई ने टिर्की के अलावा प्रख्यात वकील आर. के. आनंद के परिसरों में भी तलाशी ली, जो राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय खेलों की आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष थे। राज्य के तत्कालीन खेल निदेशक पी सी मिश्रा, राष्ट्रीय खेलों के आयोजक सचिव मधुकांत पाठक, आयोजक सचिव एच एम हाशमी के परिसरों की भी तलाशी ली जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के अभियान के तौर पर रांची में सात स्थानों और धनबाद में पांच स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।

टिर्की को हाल में झारखंड की एक अदालत ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक धन अर्जित करने का दोषी ठहराया और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी। खेल उपकरणों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के मामले की जांच राज्य की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने की और बाद में इस साल अप्रैल में झारखंड उच्च न्यायालय ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी। टिर्की झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के भारतीय जनता पार्टी में विलय से पहले पार्टी प्रमुख बाबूलाल मरांडी के विश्वासपात्र थे। वह मरांडी के विलय के फैसले से सहमत नहीं थे और 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। हाईकोर्ट की ओर से 11 अप्रैल को जारी आदेश पर CBI ने दो FIR दर्ज किये थे। 22 अपैल को पहला FIR मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स निर्माण में हुई अनियमितता से जुड़ा है।

इस पर अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज है। दूसरा मामला है जो यह खेल आयोजन से जुड़े घपले घोटाले का है। इस मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कर रही थी, जिसमें बंधु तिर्की गिरफ्तार भी किए गए थे और उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई थी। इस मामले में ACB ने बंधु तिर्की को प्राथमिक अभियुक्त बनाया था। पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की पर आरोप है कि उन्होंने धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता की। स्क्वैश कोर्ट के निर्माण की जिम्मेदारी मुंबई की एक कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को दी गई थी। बंधु तिर्की के अलावा घोटाले से जुड़े सभी आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी हुई है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में सजा होने के बाद विधानसभा की सदस्यता गंवा चुके बंधु तिर्की फिलहाल दिल्ली में हैं।

आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में हाल ही में बंधु तिर्की को कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई थी। ACB ने इस मामले में तिर्की को सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद तिर्की को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। मगर इस कारण उनकी विधायकी भी चली गई। बंधु तिर्की रांची जिले के मांडर विधानसभा सीट से जेवीएम की टिकट पर MLA चुने गए थे। बाद में जब झारखंड विकास मोर्चा यानी जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी BJP में शामिल हो गए तो बंधु तिर्की ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। अब मांडर विधानसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव की घोषणा की गई है, उससे पहले तुर्की के घर CBI पंहुच गई है।

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26 May 2022, 06:21 PM IST

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