दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सामने आए माओवादी हिडमा के पोस्टर, 15 गिरफ्तार
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के विरोध में रविवार शाम इंडिया गेट पर आयोजित एक प्रदर्शन विवादों में घिर गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों के बीच माओवादी कमांडर मादवी हिडमा के पोस्टर दिखाई देने लगे.

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के विरोध में रविवार शाम इंडिया गेट पर आयोजित एक प्रदर्शन उस समय विवादों में घिर गया, जब प्रदर्शनकारियों के बीच माओवादी कमांडर मादवी हिडमा के पोस्टर दिखाई देने लगे. हिडमा हाल ही में आंध्र प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था और उसके सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था. उसके पोस्टर के अचानक सामने आने से राजनीतिक माहौल गरमा गया और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की.
प्रदर्शन में कैसे आए हिडमा के पोस्टर?
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा गया कि सी-हेक्सागन क्षेत्र में बैठे प्रदर्शनकारियों के हाथ में हिडमा का स्केच वाला पोस्टर था. यह वही हिडमा है जिसे पुलिस बुर्कापाल (2017), चिंतलनार (2010) समेत बस्तर में हुए कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड मानती है. उसकी मौत 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले में हुई थी.
प्रदूषण के मुद्दे पर किए जा रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में इस प्रकार के पोस्टर देख अधिकारी भी हैरान रह गए और इसे संभावित ‘चरमपंथी घुसपैठ’ से जोड़कर देखा जाने लगा.
पुलिस-प्रदर्शनकारियों में झड़प, कई घायल
दिल्ली कोऑर्डिनेशन कमेटी फॉर क्लीन एयर द्वारा आयोजित प्रदर्शन का उद्देश्य राजधानी की खराब होती वायु गुणवत्ता को लेकर आवाज़ उठाना था. लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने यातायात रोक दिया और पुलिस के हटाने के प्रयासों का विरोध करते हुए कथित तौर पर मिर्च पाउडर और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया.
पुलिस के अनुसार इस दौरान तीन-चार कर्मियों को चेहरे और आंखों में चोट लगी और उन्हें RML अस्पताल ले जाया गया. बाद में 15 प्रदर्शनकारियों को सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने और सड़क जाम करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.
राजनीतिक विवाद भी बढ़ा
दिल्ली के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने हिडमा के पोस्टर को “पर्यावरण आंदोलन में उग्रवाद की घुसपैठ” बताया. उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह नक्सलियों और जिहादियों का ‘नया चेहरा’ है, जो सामाजिक आंदोलनों में शामिल होकर अपना एजेंडा बढ़ा रहे हैं.
पुलिस भी यह जांच कर रही है कि यह पोस्टर किसने और किस उद्देश्य से लाए. क्या यह एक संगठित प्रयास था या भीड़ में शामिल कुछ लोगों की व्यक्तिगत हरकत?
असल मुद्दा: प्रदूषण, लेकिन विवाद ने बदल दिया ध्यान
दिल्ली में कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है. प्रदर्शनकर्ताओं का आरोप था कि सरकार केवल दिखावटी कदम जैसे पानी का छिड़काव और क्लाउड सीडिंग कर रही है. लेकिन हिडमा पोस्टर और हिंसक झड़प के चलते पूरा ध्यान प्रदूषण के मुद्दे से हटकर सुरक्षा और चरमपंथी गतिविधियों पर केंद्रित हो गया.
जांच जारी
डीसीपी देवेश कुमार महला ने कहा कि घटना से जुड़े सभी वीडियो और सीसीटीवी फुटेज की जांच हो रही है. पुलिस पर हमला, सड़क जाम और संदिग्ध पोस्टरों को लेकर कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
इंडिया गेट पर हुआ यह विवाद अब राजधानी में विरोध प्रदर्शनों की सुरक्षा, राजनीतिक हस्तक्षेप और संभावित कट्टरपंथी गतिविधियों पर नए सवाल खड़े कर रहा है.


