कौन हैं रमीज और संजय यादव? जिनका रोहिणी आचार्य ने लिया नाम
राष्ट्रीय जनता दल के संरक्षक लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अचानक राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से अपने संबंध तोड़ने की घोषणा कर दी.

राष्ट्रीय जनता दल के संरक्षक लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार को अचानक राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से अपने संबंध तोड़ने की घोषणा कर दी. उन्होंने इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की और इसमें दो व्यक्तियों संजय यादव और रमीज का नाम भी लिया.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 202 सीटें हासिल हुईं
यह घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के खराब प्रदर्शन के तुरंत बाद आई है. राजद और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को 243 सीटों में से केवल 35 सीटें ही मिल पाईं, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 202 सीटें हासिल हुईं. इसी चुनावी हार के बाद रोहिणी आचार्य ने अपने राजनीतिक और पारिवारिक रिश्तों पर प्रश्न उठाते हुए इस बड़े कदम की घोषणा की.
रोहिणी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं. मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संजय यादव और रमीज़ ने उनसे ऐसा करने को कहा. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इन दोनों ने उनसे क्या कहा.
I’m quitting politics and I’m disowning my family …
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) November 15, 2025
This is what Sanjay Yadav and Rameez had asked me to do …nd I’m taking all the blame’s
संजय यादव कौन?
संजय यादव राजद के राज्यसभा सांसद हैं और तेजस्वी यादव के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में गिने जाते हैं. वहीं, रमीज़ तेजस्वी के पुराने मित्र बताए जाते हैं और उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से जुड़े हैं. दोनों से अभी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है.
पिता की स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहीं रोहिणी
रोहिणी आचार्य अपने पिता की स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रही हैं. कुछ वर्ष पहले वे अपने पिता को किडनी दान देने के कारण चर्चा में आई थीं. उन्होंने पिछले साल सारण से लोकसभा चुनाव में भाग लिया था, लेकिन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
उनकी यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब राजद परिवार में कई विवाद और तनाव देखे गए हैं. इस वर्ष मई में लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था और उन्हें परिवार से भी अलग किया गया था. यह कदम तेज प्रताप के निजी जीवन से जुड़े एक विवाद के बाद उठाया गया था. माना जा रहा है कि रोहिणी आचार्य इस फैसले से नाराज़ थीं.
राजनीति और परिवार से अलग होने का यह निर्णय राज्य की सियासत में नए सवाल खड़े करता है. अब यह देखना बाकी है कि रोहिणी आचार्य का राजनीतिक भविष्य और उनके परिवार के साथ संबंध किस दिशा में आगे बढ़ेंगे.


