प्यार का खूनी खेल... प्रेमी काट रहा था परिवार वालों के गले, प्यार में अंधी शबनम ने पकड़े थे बाल
Shabnam-Salim Love Story: उत्तर प्रदेश का छोटा सा शहर जहां पर एक परिवार रात भर में खत्म हो गया. इस परिवार को खत्म करने वाला कोई बाहर वाला नहीं उनकी खुद की बेटी थी.

Shabnam-Salim Love Story: ये साल 2008 था, जहां पर एक ही परिवार में 7 लोगों की मौतों से पूरे देश में हलचल मच गई थी. सबकी जबान पर एक ही सवाल था कि आखिर ये किया किसने? अमरोहा के बावनखेड़ी गांव में रहने वाले शौकत एक कॉलेज में लेक्चरर थे लेकिन 14/15 अप्रैल की दरमियानी रात उनके घर के लिए काली साबित हुई. शौकत के परिवार के 7 लोगों की लाशें उनके आंगन में बिछ गईं, परिवार में सिर्फ उनकी बेटी शबनम जिंदा बची थी. घटना की सूचना मिलने पर जब पुलिस गांव पहुंची तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई.
एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. जहां पर मंगलवार को एक शख्स ने अपने माता-पिता, पत्नी, बच्चों और भाई-बहनों को कुल्हाड़ी से बेरहमी से हत्या कर दी. हत्या करने के बाद खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस पूरे परिवार के एक झटके में खत्म होने से ऐसी ही एक सालों पुरानी कहानी जहन में आ गई, जहां पर एक मासूम बच्चे समेत 7 लोगों को किसी अपने ने ही मौत की नींद सुला दिया था.
बावनखेड़ी कांड की क्या है कहानी?
बावनखेड़ी कांड पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था, जहां पर एक ही घर के 7 लोगों की मौत की खबर सुनकर उस वक्त की सीएम मायावती भी इस घर में पहुंची थीं. रात में शौकत का परिवार खाना खाकर सोया तो कभी नहीं उठ पाया. परिवार में कुल 8 लोग थे, जिसमें एक बेटी ही जिंदा बची थी. मरने वालों शौकत, उनकी पत्नी, उनके दो बेटे, एक बहू और दो बच्चें शामिल थे. परिवार में इकलौती उनकी बेटी शबनम बची थी, जिसकी चीखें आसपास के लोगों से सुनी नहीं जा रही थीं.

शबनम ने बताई कहानी
जिंदा अकेली बची शबनम ने मौत वाली रात की कहानी बताई, उसने बताया कि वो उस रात छत पर सो रही थी रात में चोर आए और पूरे परिवार को खत्म कर दिया. सब ने इस बात को मान भी लिया, लेकिन जब शवों का पोस्मार्टम किया गया तो उसमें सभी को नशीली दवाई दिए जाने की पुष्टी हुई. अब सवाल ये था कि आखिर शबनम अकेले कैसे नशे में नहीं गई. पुलिस ने अपनी जांच जारी रखी, इस दौरान पुलिस को कुछ ऐसा पता चला कि उनके पेरों तले जमीन खिसक गई.
कहानी में सलीम की एंट्री
शौकत के परिवार में 8 लोग थे, लेकिन सलीम नाम के शख्स का इस परिवार से नाता था. पुलिस को सूत्रों ने बताया कि शबनम का एक आशिक है जिसका नाम सलीम है. अब पुलिस सलीम को उठाती है, शुरुआत में सलीम कुछ नहीं बोलता लेकिन फिर वो एक बड़ा खुलासा करता है. सलीम बताता है कि शोकत के परिवार को खत्म करने वाली उनकी बेटी ही है. शबनम का साथ देने वाला सलीम ही था.

क्यों किया कत्ल?
जैसे-जैसे केस की जांच आगे बढ़ती है इसकी पर्तें खुलती जाती हैं. सलीम के बारे में बात करें तो वो एक मजदूर था, वहीं शबनम एक अच्छे परिवार की शिक्षामित्र की नौकरी करने वाली लड़की थी. दोनों का बहुत समय से प्रेमप्रसंग चल रहा था, इस बात की जानकारी शबनम के परिवार को भी थी जिसकी वजह से वो अपनी ही बेटी से बात नहीं करते थे, रिपोर्ट्स के मुताबिक, शबनम के दादा ने शबनम के हाथ से खाना तक लेना बंद कर दिया था, लेकिन दोनों का मुलना जुलना फिर भी चालू रहा. अब सवाल ये उठता है कि आखिर सबका कत्ल करने का आइडिया किसके शैतानी दिमाग में आया?
शबनम का था पूरा प्लान
इस मौत के खूनी खेल की कहानी लिखने वाली शबनम ही थी, दोनों को गिरफ्तार किया गया. इस दौरान दोनों ने अपना मुंह खोला. सलीम ने बताया कि वो किसी को नहीं मारना चाहता था, ये पूरा प्लान शबनम का था. शबनम ने ही घर वालों को दूध में नशे की दवाई मिलाकर पिलाई थी. इसके बाद उसने घर पर सलीम को बुलाया. सलीम को सबको मारने के लिए कहा, शुरू में सलीम डर रहा था लेकिन शबनम के ऊपर खून सवार था.

11 महीने के भतीजे को खुद ने मारा
शबनम के परिवार वालों के अलावा उसके घर में उसके रिश्ते की एक बहन भी आई हुई थी, जिसको भी सबनम ने नहीं छोड़ा. एक मासूम भतीजा जिसकी उम्रकेवल 11 महीने थी. इसपर सलीम का कहना था कि जब उसके मारने की बारी आई तो मुझसे नहीं हो पाया. उसका कत्ल खुद शबनम ने गला दबाकर किया. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस वक्त शबनम के दिमाग में क्या ही चल रहा होगा.
सबके पकड़े बाल ताकी गर्दन सही से काट सके
जब सलीम सबकी गर्दनों को कुल्हाड़ी से काटा तब शबनम ने सबके बारी बारी से बाल पकड़े थे ताकि सलीम को कोई दिक्कत ना हो गर्दन काटने में. शबनम के इस खूनी खेल से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया था. दोनों को जेल भेजा गया, कोर्ट ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई. फांसी से पहले इस कहानी में एक ट्विस्ट और आता है, जब शबनम का मेडिकल कराया जाता है.
मां बनने वाली थी शबनम
जब शबनम का मेडिकल कराया गया तो उसमें पता चला कि वो गर्भवती थी. इस खबर से शबनम को राहत मिली क्योंकि जब तक उसका बच्चा पैदा नहीं हो जाता और 5 साल का नहीं हो जाता तब तक शबनम को फांसी नहीं दी जा सकती थी. इसके बाद शबनम की फांसी टल गई. कुछ महीने बाद शबनम ने जेल में सलीम की औलाद को जन्म दिया, जिसका नाम ताज मोहम्मद रखा. शबनम ने अपने बेटे की जेल में परवरिश करनी शुरू की. जेल के रूल्स के मुताबिक, जब चांद को जेल से बाहर भेजने का वक्त आया तो उसको एक परिवार ने गोद ले लिया.

ये मोहब्बत नहीं हो सकती
शबनम का बेटा आज अपनी जेल से बाहर जिंदगी बिता रहा है. बीच बीच में ताज मोहम्मद को जिन्होंने गोद लिया था वो शबनम से उसको मिलवाने लाते थे. शबनम के जुनून ने कई जिंदगियां बर्बाद कर दीं, पूरे घर को शमशान बना दिया. इस घर में ही पूरे परिवार को दफनाया गया है. लोग कहते हैं कि उधर जाने से भी डर लगता है. शबनम के खानदान वालों का कहना था कि उनको उस घर में जाने पर भी दहशत आती है. कहा जाता है प्यार से रिश्ते जुड़ते हैं ना कि उनका कत्ल होता है. लोगों का कहना है कि सलीम और शबनम ने जो किया वो मुहब्बत नहीं हो सकती, बल्कि पागलपन है.


