शिवपुरी: MP के लाल को अंतिम विदाई देने उमड़ा गांव, शहीद अमर पंचतत्व में विलीन, उनकी याद में बनेगा पार्क

सेना के वाहन में शहीद अमर शर्मा की पार्थिव देह। पीछे-पीछे वंदे मातरम और भारत माता की जय जैसे नारे लगाते हुए चल रहे हजारों लोग

Janbhawana Times
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संबाददाता- कुलदीप गुप्ता (शिवपुरी, मध्यप्रदेश)

मध्यप्रदेश। सेना के वाहन में शहीद अमर शर्मा की पार्थिव देह। पीछे-पीछे वंदे मातरम और भारत माता की जय जैसे नारे लगाते हुए चल रहे हजारों लोग। शहीद अमर शर्मा की पार्थिव देह जैसे ही उनके गृहग्राम खरई भाट पहुंची पूरा गांव उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। हर आंख में आंसू थे।

अमर सिंह का अंतिम संस्कार रात करीब 11.45 बजे किया गया। जिस जगह पर उनका अंतिम संस्कार हुआ वहीं उनकी याद में शहीद पार्क बनाया जाएगा। अमर शर्मा का देहावसान गुरुवार को हार्टअटैक की वजह से हुआ था। वे सियाचिन में मानइस 30 डिग्री तापमान में देश की सुरक्षा में तैनात थे।

शहीद अमर शर्मा की पार्थिव देह रात करीब 8 बजे शिवपुरी पहुंची थी। सबसे पहले शिवपुरी में 18वीं बटालियन गेट पर पहुंचते ही अफसरों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पार्थिव देह को 12 किमी दूर शहीद के गृहग्राम खरई भाट के लिए रवाना किया गया। एसडीएम विवके रघुवंशी ने बताया कि शहीद अमर शर्मा की पार्थिव देह को हवाई मार्ग से लद्दाख से दिल्ली लाया गया था। इसके बाद पार्थिव देह को विमान से ग्वालियर लाया गया।

यहां पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पार्थिव देह को शिवपुरी रवाना किया गया। शिवपुरी से सेना के वाहन से शहीद के गृहग्राम तक लाया गया। यहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए गांव में 50 हजार से ज्यादा लोग और 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

3 बीघा जमीन में बनेगा शहीद पार्क -

भारतीय पूर्व सैनिक संगठन इंडियन वेटरन ऑर्गेनाइजेशन शिवपुरी के जिला अध्यक्ष रिटायर्ड कैप्टन सीपी शर्मा ने बताया कि शिवपुरी के शहीद जवान की अंत्येष्टि के लिए सरकारी 3 बीघा जमीन चयनित की गई है। जहां शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसी जगह शहीद पार्क भी बनाया जाएगा।

श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे कई मंत्री व नेता -

शहीद अमर शर्मा का अंतिम संस्कार उनके गृहग्राम खरई भाट में हुआ। शहीद को श्रद्धांजलि देने जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण एवं नर्मदा घाटी विकास मंत्री भारत सिंह कुशवाह गांव पहुंचे। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष राजू बाथम सहित अन्य भाजपा पदाधिकारियों के साथ-साथ हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

रास्ते भर लगते रहे भारत माता की जय के नारे -

शहीद जवान अमर शर्मा की पार्थिव देह जिन-जिन रास्तों से गुजरी वहां लोग भारत माता की जय के नारे लगाते नजर आए। अमर शर्मा की पार्थिव देह शिवपुरी में एसएएफ मुख्यालय, बालाजीधाम, मेडिकल कॉलेज तिराहा, हैप्पी डेज स्कूल ग्वालियर बाइपास चौराहा, नवग्रह मंदिर, कमला गंज होते हुए रात करीब नौ बजे माधव चौक पहुंची।

यहां गुरुद्वारा चौराहा, राजेश्वरी रोड, तात्या टोपे समाधि स्थल, अग्रसेन चौक, पोलो ग्राउंड, जिला पंचायत कार्यालय, पुलिस परेड ग्राउंड, पोहरी बाइपास चौराहा, शिवा कॉलोनी, रेलवे स्टेशन क्रॉसिंग, सिंह निवास होते हुए उनके गांव तक पहुंची।

2 साल पहले ही हुई थी शादी -

अमर शर्मा का जन्म 1996 में खरई भाट गांव में हुआ था। उनके 2 भाई हैं, सतेंद्र शर्मा (24) और अरुण शर्मा (22)। अमर के पिता पेशे से किसान हैं। अमर ने 2015 में छतरपुर में सेना की भर्ती परीक्षा दी थी। जबलपुर में ट्रेनिंग के बाद गुवाहाटी में पहली पोस्टिंग मिली थी। 2 साल बाद अमर की पोस्टिंग लद्दाख के सियाचिन में हुई थी। 2 साल पहले 2020 में अमर की शादी हुई थी।

9 नवंबर को छुट्टी पर आने वाले थे अमर -

अमर के पिता सियाराम शर्मा ने बताया कि 9 नवंबर को कई महीनों बाद अमर घर आने वाला था। अमर से सोमवार को दिवाली के दिन फोन पर बात हुई थी। घर आने के लिए अमर काफी उत्साहित था। 2 महीने के लिए उसे छुट्‌टी मिली थी। अमर की पोस्टिंग भी चेंज हो चुकी थी।

छुट्‌टियां बिताने के बाद उसे पठानकोट में ज्वाइन करना था। अमर के ताऊ जी का बेटा पवन शर्मा भी आर्मी में था। 7 साल पहले उनकी भी शहादत हो गई थी। शहीद अमर के पिता का कहना है कि अमर का छोटा भाई भी आर्मी की तैयारी कर रहा है।

सियाचिन में ड्यूटी के वक्त आया हार्टअटैक -

देश की रक्षा में सियाचिन में तैनात मध्यप्रदेश का बेटा शहीद हो गया। दुश्मन तो उसका बाल भी बांका नहीं कर सके, लेकिन वहां के विपरित हालत में अपना कर्तव्य निभाते हुए वह वतन पर मर मिटा। ये जवान माइनस 30 डिग्री तापमान में वतन की हिफाजत के लिए तैनात था।

शिवपुरी जिले के रहने वाले जवान अमर शर्मा अब अमर हो गए। 26 साल के अमर शर्मा सियाचिन में तैनात थे। जहां हाड़ कंपा देने वाली ठंडी (-30 डिग्री) में वह दुश्मनों से देश की रक्षा के लिए डटे हुए थे। ड्यूटी के दौरान हॉर्ट अटैक से उनका निधन हो गया।

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29 October 2022, 02:11 PM IST

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