2 वोटर आई कार्ड वाले खेल में फंसे तेजस्वी यादव, BJP नेता संबित पात्रा ने उठाए गंभीर सवाल
बिहार चुनावों से पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है. चुनाव आयोग और पटना डीएम ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उनका नाम सूची में मौजूद है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने तेजस्वी पर दो वोटर आईडी रखने का आरोप लगाया और विपक्ष पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया. मामला अब बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया है.

बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग द्वारा जारी नई मतदाता सूची ने राजनीतिक हलचल मचा दी है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह चौंकाने वाला दावा किया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर उनका नाम सूची में नहीं है, तो क्या वे आगामी चुनावों में प्रत्याशी बन पाएंगे?
#WATCH | Delhi: "... This means he (Tejashwi Yadav) had two EPIC numbers... Did he have two voter IDs?...," asks BJP MP Sambit Patra, on allegations made by RJD leader Tejashwi Yadav that his name had been removed from the voter list.
He also says, "... The way in which Congress… pic.twitter.com/l4fjT9yN54— ANI (@ANI) August 3, 2025
नाम मौजूद है, भ्रम फैलाया जा रहा
आपको बता दें कि तेजस्वी यादव के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता डॉ. संबित पात्रा ने दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव ने जो दावा किया कि उनका नाम हटा दिया गया है, वह पूरी तरह गलत है. चुनाव आयोग और पटना के जिलाधिकारी दोनों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका नाम अब भी दिघा विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में क्रमांक 416 पर दर्ज है.”
दो EPIC नंबर का विवाद
डॉ. पात्रा ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता में जो EPIC नंबर (मतदाता पहचान पत्र संख्या) RAB2916120 बताया, वह उनके 2020 के नामांकन हलफनामे में दर्ज नंबर RAB0456228 से मेल नहीं खाता. उन्होंने सवाल किया, “अगर उनके पास दो EPIC नंबर हैं, तो क्या इसका मतलब है कि उनके पास दो वोटर आईडी हैं? यह सिर्फ एक त्रुटि नहीं, बल्कि लोकतंत्र की साख पर प्रश्नचिह्न है.”
चुनाव आयोग और DM ने दी सफाई
दरअसल, विवाद बढ़ने के बाद चुनाव आयोग और पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर त्यागराजन ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव का नाम सूची में पहले की तरह दर्ज है. उन्होंने बताया कि उनका नाम पोलिंग स्टेशन संख्या 2004, लाइब्रेरी बिल्डिंग, एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में है और उनकी जानकारी सक्रिय है.
#WATCH | Delhi: "... 'sarvochh neta ke hain 2 EPIC number to karyakarta ka haal kya hoga'. Is this why they are afraid of SIR?... Imagine these Congress and RJD leader and their workers, who were used to capturing booths and winning on the basis of hooliganism, their whole game… pic.twitter.com/dZi1fStJMB
— ANI (@ANI) August 3, 2025
संस्थाओं को बदनाम करने की साजिश
डॉ. संबित पात्रा ने तेजस्वी यादव और कांग्रेस पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा, “विपक्षी दलों का यह सुनियोजित प्रयास है कि वे चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं की साख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करें. यह भारत के लोकतंत्र को बदनाम करने की रणनीति है.” “यदि सर्वोच्च नेता के पास दो आईडी हैं, तो कार्यकर्ता का क्या होगा?” पात्रा ने कटाक्ष करते हुए कहा, “जब सरवोच्च नेता के पास दो EPIC नंबर हो सकते हैं, तो नीचे के कार्यकर्ताओं का क्या हाल होगा? क्या इन्हीं कारणों से वे S.I.R. (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) से डरते हैं?”
पुराने चुनावी हथकंडे हुए बेनकाब
बीजेपी प्रवक्ता ने विपक्ष के पुराने चुनावी हथकंडों की ओर इशारा करते हुए कहा, “पहले ये लोग बूथ कैप्चरिंग और गुंडागर्दी से जीतते थे. लेकिन जब से चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी हुई है, इनका पूरा खेल उजागर हो रहा है.”
लोकतंत्र पर बड़ा सवाल
इस पूरे विवाद ने सिर्फ तेजस्वी यादव की साख नहीं, बल्कि विपक्ष की रणनीति और भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. पात्रा ने कहा कि “यह अब केवल एक पार्टी का नहीं, बल्कि पूरे देश का सवाल है. जनता को सच जानने का अधिकार है.”यह विवाद आने वाले बिहार चुनावों में राजनीतिक ध्रुवीकरण को और तेज़ कर सकता है.


