मध्य प्रदेश में चूहों के काटने से दो नवजातों की मौत, राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार को घेरा
मध्य प्रदेश के इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में चूहों के काटने से दो नवजात शिशुओं की मौत हुई, राहुल गांधी ने इसे सरकार की लापरवाही और सरासर हत्या बताया. अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा उल्लंघन स्वीकार किया, स्वतंत्र जांच की मांग उठी.

मध्य प्रदेश के इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में दो नवजात शिशुओं की मौत की घटना ने राजनीतिक और सामाजिक जगत में हलचल मचा दी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना को सरकार की सरासर हत्या करार देते हुए केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार पर कड़ी निंदा की है. उन्होंने अस्पताल के खराब प्रबंधन और लापरवाही को इस दुखद हादसे का मुख्य कारण बताया.
अस्पताल में चूहों के काटने से हुई मौत
30-31 अगस्त की रात महाराजा यशवंतराव अस्पताल के बाल चिकित्सा वार्ड में चूहों के काटने से दो नवजात शिशुओं को गंभीर चोटें आईं. एक बच्चे को हाथ में और दूसरे को कंधे में चोट लगी. डॉक्टरों के अनुसार, दोनों बच्चे पहले से ही नाज़ुक स्थिति में अस्पताल में भर्ती थे और उनमें संक्रमण व जन्मजात जटिलताएं थीं. लेकिन चूहे के काटने की घटना ने उनकी स्थिति और भी गंभीर कर दी. मंगलवार को पहले शिशु की मौत हो गई, जबकि दूसरे का बुधवार को निधन हुआ.
राहुल गांधी का आरोप
राहुल गांधी ने इस घटना पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि सरकारी लापरवाही की वजह से हुई जानलेवा भूल है. उन्होंने कहा, "एक मां से उसका बच्चा छीन लिया गया, क्योंकि सरकार अपनी बुनियादी जिम्मेदारी भी नहीं निभा सकी." उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को शर्मिंदा होने की नसीहत दी और कहा कि जब नवजात बच्चों की सुरक्षा नहीं हो सकती, तो सरकार चलाने का कोई अधिकार नहीं है.
राहुल गांधी ने स्वास्थ्य क्षेत्र के “निजीकरण” की आलोचना करते हुए कहा कि अब बेहतर इलाज केवल अमीरों के लिए उपलब्ध है, जबकि गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल “मौत का अड्डा” बन गए हैं. उन्होंने इसे गरीब और आम जनता के खिलाफ एक अन्याय बताया.
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने अस्पताल में सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन की बात स्वीकार की है. उन्होंने बताया कि इस घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. साथ ही, अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि घटना से कुछ दिन पहले ही वार्ड में चूहे देखे गए थे, लेकिन इसकी कोई औपचारिक शिकायत नहीं की गई थी.
स्वतंत्र जांच की मांग
जन स्वास्थ्य अभियान, मध्य प्रदेश के प्रतिनिधि अमूल्य निधि ने इस घटना को गंभीर लापरवाही बताते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से स्वतंत्र जांच की मांग की है. उनका कहना है कि नवजात शिशुओं की मौत के लिए अस्पताल में स्वच्छता और सुरक्षा की अनदेखी जिम्मेदार है.


