आने वाली है बड़ी तबाही! रुद्रप्रयाग के चोराबाड़ी में ग्लेशियर के ऊपर आया एवलांच
उत्तराखंड के केदारनाथ के पास चोराबाड़ी ग्लेशियर में एवलांच आया, हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई. वहीं जखोली ब्लॉक में मूसलाधार बारिश से भूस्खलन हुआ, जिससे 12 से अधिक मकानों और 100 से ज्यादा ग्रामीणों की जान को खतरा है. प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और आपदा प्रबंधन को सतर्क किया गया है.

Uttarakhand avalanche: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ के पास चोराबाड़ी ग्लेशियर में गुरुवार को एवलांच (हिमस्खलन) देखा गया. यह हिमस्खलन एक सुदूरवर्ती और ऊंचे हिमालयी क्षेत्र में हुआ, जिससे किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है.
गुरुवार दोपहर करीब 2:30 बजे, केदारनाथ से लगभग 7 किलोमीटर दूर इस ग्लेशियर क्षेत्र में बर्फ के बड़े-बड़े टुकड़े तेजी से नीचे गिरते देखे गए. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एवलांच की धमाकेदार आवाजें इतनी तेज थीं कि केदारनाथ तक सुनाई दीं. कई तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों ने इस दृश्य को अपने मोबाइल कैमरों में रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है.
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— UP - UK (ENGLISH) (@rohitch131298) September 4, 2025
घटना के समय कुछ लोग भयभीत भी हो गए, लेकिन राहत की बात यह रही कि यह हिमस्खलन ऐसे इलाके में हुआ जहां कोई जनसंख्या नहीं थी. प्रशासन की ओर से भी स्पष्ट किया गया है कि कोई जनहानि या संपत्ति की क्षति नहीं हुई है.
जखोली ब्लॉक में भारी बारिश से मची तबाही
वहीं रुद्रप्रयाग जिले के ही जखोली विकासखंड में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने ग्रामीण इलाकों में भारी तबाही मचाई है. विशेष रूप से ग्राम पंचायत गोर्ती में भूस्खलन की स्थिति गंभीर बनी हुई है. बीती रात हुई तेज बारिश के कारण गांव के 12 से अधिक मकानों पर भूस्खलन का सीधा खतरा मंडरा रहा है.
इन प्रभावित घरों में विजयपाल सिंह, धर्मपाल सिंह रावत, भगवान सिंह रावत, उत्तम सिंह रावत, विक्रम सिंह रावत, जसपाल सिंह नेगी, शिवराज सिंह रावत, प्रवीण ममगाईं, अब्बल राणा, अवतार सिंह जागवाण और कांति प्रसाद ममगाईं जैसे ग्रामीण अपने परिवार और मवेशियों के साथ अब जान के खतरे में हैं. लगभग 100 से अधिक लोग भूस्खलन की चपेट में आ सकते हैं यदि स्थिति और बिगड़ती है.
गांव में स्थित दर्जन भर दुकानें भी खतरे की जद में हैं और कभी भी भूस्खलन के कारण गिर सकती हैं. लोग अब रातें जागकर गुजारने को मजबूर हैं क्योंकि उन्हें हर समय अपनी जान और संपत्ति पर खतरा महसूस हो रहा है.
प्रशासन की तैयारी
प्रशासन की ओर से घटनास्थल की निगरानी की जा रही है और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क कर दिया गया है. जिला प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से सावधानी बरतने और संभावित खतरे वाले स्थानों से हटने की अपील की है. राज्य सरकार के मुताबिक, बर्फबारी, एवलांच और भूस्खलन जैसी आपदाएं अब सामान्य घटनाएं बनती जा रही हैं, और इसके लिए स्थायी समाधान और योजनाबद्ध राहत कार्यों की आवश्यकता है.


