उमर खालिद को बहन की शादी में शामिल होने के लिए मिली 14 दिनों की अंतरिम जमानत
दिल्ली दंगों से जुड़े बड़े साजिश मामले में आरोपित सामाजिक कार्यकर्ता उमर खालिद को गुरुवार को अदालत ने सीमित अवधि की राहत प्रदान की.

दिल्ली दंगों से जुड़े बड़े साजिश मामले में आरोपित सामाजिक कार्यकर्ता उमर खालिद को गुरुवार को अदालत ने सीमित अवधि की राहत प्रदान की. अदालत के ताज़ा आदेश के अनुसार, उन्हें 16 दिसंबर से 29 दिसंबर तक कुल 14 दिनों की अंतरिम जमानत मिलेगी, ताकि वे अपनी बहन की शादी में शामिल हो सकें, जिसका आयोजन
27 दिसंबर को होना निर्धारित है.
मानवीय आधार पर खालिद को जमानत
यह फैसला कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने सुनवाई पूरी करने के बाद सुनाया. अदालत में पेश याचिका में खालिद की ओर से यह दलील दी गई थी कि शादी परिवार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है और उनकी उपस्थिति अनिवार्य है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मानवीय आधार पर खालिद को निर्धारित अवधि के लिए रिहा करने का आदेश दिया. हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह राहत केवल अस्थायी है और जमानत की अवधि समाप्त होते ही उन्हें फिर से न्यायिक हिरासत में लौटना होगा.
उमर खालिद पर दिल्ली दंगों से जुड़े व्यापक षड्यंत्र, हिंसा भड़काने और अन्य गंभीर आरोपों के तहत गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम – UAPA के प्रावधानों के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है. यह मामला अभी भी न्यायिक प्रक्रिया से गुजर रहा है और अभियोजन पक्ष ने खालिद समेत कई अन्य आरोपियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अदालत में इस बहुस्तरीय मामले की सुनवाई लंबे समय से जारी है.
पहले भी कई बार की जमानत की मांग
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब उमर खालिद ने अंतरिम राहत की मांग की हो. अदालत द्वारा मिली इस अनुमति से पहले, उन्होंने नियमित जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट और निचली अदालत दोनों का दरवाज़ा खटखटाया था, लेकिन दोनों ही जगह से उन्हें राहत नहीं मिली थी. अदालतों ने पूर्व में उनके जमानत अनुरोध को यह कहते हुए खारिज किया था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और जांच व मुकदमे की दिशा पर इसका प्रभाव पड़ सकता है.


