संसद में RSS की बुराई पर क्यों भड़के जगदीप धनखड़? VIDEO
Jagdeep Dhankhar: राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार 31 जुलाई को RSS पर टिप्पणी करने पर कड़ी नराजगी जताते हुए कहा कि संगठन सालों से देश की सेवा में जुटा है और उसकी आलोचना करना संविधान के खिलाफ है, देश की विकास यात्रा का हिस्सा बनने का अधिकार है.

Jagdeep Dhankhar: राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को RSS पर टिप्पणी करने पर कड़ी आपत्ति जताई. राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र कि सेना में लगा संगठन है और संगठन से जुडे लोग निस्वार्थ भाव से काम करते हैं उन्होंने कहा कि देश के काम में लगे संगठन की आलोचना करना संविधान के खिलाफ है और देश की विकास यात्रा का हिस्सा बनने का अधिकार है. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें रोकने का प्रयाश किया था. इस हंगामे के बाद BSP और BJD विपक्षी दलों ने सदन से वॉकवाउट कर दिया.
राज्यसभा में आज पश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद लाल सुमन ने NTA के बारे में बात करते हुए RSS पर टिप्पाणी की. इस दौरान उनके इस पर हस्ताक्षेपर करते हुए राज्यसभा सासंद जगदीप धनकड़ ने कहा कि आरएसएस राष्ट्रीय कल्याण और हमारी संस्कृति के लिए योगदान दे रहा है. सभी को इस पर गर्व होना चाहिए. आरएसएस की साख बेदाग है.
#WATCH | Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar says "I hereby rule that RSS is an organisation that has full constitutional rights to participate in the development journey of this nation. This organisation bears unimpeachable credentials, comprises of people who are deeply… pic.twitter.com/TQFPpProxV
— ANI (@ANI) July 31, 2024
आगे कहा कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है, जो उच्चतम क्रम का वैश्विक थिंक टैंक है. आरएसएस में ऐसे लोग शामिल हैं जो निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि मैं किसी भी ऐसे संगठन को अलग करने की अनुमति नहीं दूंगा, जो राष्ट्रीय सेवा कर रहा है. संविधान के तहत, आरएसएस को राष्ट्रीय विकास में योगदान देने का पूरा अधिकार है. मैं यह नियम बनाता हूं कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है, जिसे इस राष्ट्र की विकास यात्रा में भाग लेने का पूरा संवैधानिक अधिकार है.
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 'मैं यह नियम देता हूं कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है जिसके पास इस राष्ट्र की विकास यात्रा में भाग लेने का पूर्ण संवैधानिक अधिकार है. यह संगठन बेदाग साख रखता है, इसमें ऐसे लोग शामिल हैं जो निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसमें यह जानना सुखद है, यह ध्यान देने योग्य है कि एक संगठन के रूप में आरएसएस राष्ट्रीय कल्याण, हमारी संस्कृति के लिए योगदान दे रहा है और वास्तव में हर किसी को ऐसे किसी भी संगठन पर गर्व करना चाहिए जो इस तरह से कार्य कर रहा है.'