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पाकिस्तानी न्यूज़ एंकर मोना आलम ने लीक हुए सेक्स वीडियो से किया इनकार, अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए उठाए क़ानूनी कदम

पाकिस्तानी न्यूज़ एंकर मोना आलम ने हाल ही में वायरल हुए सेक्स वीडियो को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने साफ किया कि वायरल वीडियो में उनकी कोई भूमिका नहीं है और वह इस झूठे आरोप का सामना कर रही हैं. मोना ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और वीडियो में दिख रही महिला की असली पहचान उजागर की. क्या मोना इस साजिश के पीछे के अपराधियों को बेनकाब कर पाएंगी? जानिए पूरी कहानी, जिसमें वह अपने खिलाफ हो रहे इस दुर्भावनापूर्ण अभियान का सामना कर रही हैं!

Aprajita
Edited By: Aprajita

Viral Video: पाकिस्तानी न्यूज़ एंकर मोना आलम हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे सेक्स वीडियो को लेकर चर्चा में आईं. एक वीडियो में उनका नाम जोड़ा गया था, जिसके बाद उन्होंने खुलकर इस मुद्दे पर अपनी बात रखी.

मोना आलम ने न केवल इस वीडियो में अपनी कोई संलिप्तता से इनकार किया, बल्कि वीडियो में दिख रही महिला की असली पहचान भी उजागर की. उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो का स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए कहा कि यह वीडियो उनका नहीं है और उनके खिलाफ एक नफरत फैलाने वाला अभियान चलाया जा रहा है.

मोना आलम का साहसिक कदम

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो के बाद मोना आलम ने अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए साहसिक कदम उठाया. उन्होंने ट्विटर पर यह स्पष्ट किया कि वीडियो में दिख रही महिला का उनके साथ कोई संबंध नहीं है. इस मुद्दे को लेकर मोना ने पाकिस्तानी पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही. उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि इस वीडियो के पीछे एक अपराधी है, जिसकी पहचान उन्होंने सार्वजनिक की.

पुलिस कार्रवाई और शिकायत

अपने चरित्र पर किए गए हमले के खिलाफ मोना ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने उस महिला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, जिसे वीडियो में दिखाया गया है. मोना ने आगे बताया कि कुछ लोगों ने उनके नाम से यह गलत वीडियो सोशल मीडिया पर फैला दिया था. इसके अलावा, कई वरिष्ठ पत्रकारों को भी इस वीडियो के लिंक व्हाट्सएप के जरिए भेजे गए थे. मोना ने बताया कि यह सब उनके चरित्र को धूमिल करने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है.

मीडिया और मनोरंजन में महिलाओं को निशाना बनाना

यह घटना एक और उदाहरण है कि कैसे सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से सार्वजनिक हस्तियों, खासकर महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है. हाल ही में पाकिस्तान में कई और महिलाओं को भी ऐसे ही मामले का सामना करना पड़ा है, जिनकी छवि और प्रतिष्ठा को गलत तरीके से धूमिल किया गया. मोना आलम ने इस मामले में अपनी बेदाग प्रतिष्ठा का बचाव करते हुए यह साबित किया कि साइबर बुलिंग के बावजूद सच्चाई और ईमानदारी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

मोना आलम ने अपने इस संघर्ष से यह संदेश दिया कि हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए और ऐसे गलत अभियानों का डटकर विरोध करना चाहिए. अब देखना यह है कि पाकिस्तान की पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और क्या मोना आलम को न्याय मिलता है.

सचाई के लिए संघर्ष

मोना आलम ने इस मामले में न केवल अपनी प्रतिष्ठा को बचाने की कोशिश की, बल्कि समाज में गलत सूचनाओं के प्रसार को भी चुनौती दी. उनका यह कदम निश्चित रूप से एक साहसिक उदाहरण है, जहां वह अपनी आवाज़ उठाकर गलत के खिलाफ खड़ी हो गईं. उनके इस संघर्ष से हमें यह सीखने को मिलता है कि अगर हम अपने अधिकारों के लिए खड़े होते हैं तो कोई भी झूठ हमें नीचा नहीं दिखा सकता.

यह मामला इस बात को और भी स्पष्ट करता है कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के जरिए महिलाओं को निशाना बनाए जाने का यह बढ़ता हुआ चलन अब चिंता का विषय बन गया है.

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06 February 2025, 10:47 PM IST

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