बेंगलुरु में 34 वर्षीय युवक की हार्ट अटैक से मौत, मदद को कोई आगे नहीं आया
बेंगलुरु से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने शहरी लोगों की बेरुखी और इमरजेंसी हेल्थकेयर सेवाओं की हालत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. शहर के बनशंकरी इलाके में एक 34 साल के आदमी की पब्लिक सड़क पर हार्ट अटैक से मौत हो गई.

नई दिल्ली: बेंगलुरु से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने शहरी संवेदनशीलता और आपातकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. शहर के बनाशंकरी इलाके में 34 वर्षीय युवक की सार्वजनिक सड़क पर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मौके पर मौजूद लोगों और गुजरते वाहनों में से किसी ने भी तुरंत मदद नहीं की.
No Ambulance, No Help, No Humanity: A Death That Questions Bengaluru
In a deeply disturbing incident, Bengaluru witnessed a tragic collapse of both emergency care and basic human compassion. Venkataramanan, a 34-year-old mechanic from South Bengaluru, suffered severe chest pain… pic.twitter.com/I7Eb0m65hn— Karnataka Portfolio (@karnatakaportf) December 16, 2025
जानें पूरा मामला
घटना 13 दिसंबर की बताई जा रही है. बनाशंकरी के कदीरेनाहल्ली इलाके में युवक अपनी पत्नी के साथ दोपहिया वाहन से जा रहा था, तभी अचानक उसे दिल का दौरा पड़ा और वह सड़क पर गिर पड़ा. युवक की पत्नी ने घबराकर मदद के लिए लोगों से गुहार लगाई, लेकिन आसपास से गुजर रहे किसी भी वाहन ने नहीं रोका.
घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें महिला को बार-बार सहायता मांगते देखा जा सकता है, लेकिन कोई भी आगे नहीं बढ़ता. न तो मौके पर एम्बुलेंस मौजूद थी और न ही किसी राहगीर ने तुरंत मेडिकल सहायता दिलाने की कोशिश की.
एम्बुलेंस न मिलने पर दंपति ने खुद ही दोपहिया वाहन से अस्पताल पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में ही युवक की मौत हो गई. यह घटना न सिर्फ मानवीय संवेदनाओं की कमी को उजागर करती है, बल्कि आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता पर भी सवाल खड़े करती है.
एक और चौंकाने वाली घटना
इसी तरह की एक और घटना पिछले सप्ताह आंध्र प्रदेश के अंबेडकर कोनासीमा जिला से सामने आई. यहां एक निजी स्कूल में कक्षा 10 की 14 वर्षीय छात्रा व्याख्यान के दौरान अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी. स्कूल प्रशासन ने उसे तुरंत रामचंद्रपुरम एरिया अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
बढ़ता हृदय रोग संकट
ये दोनों घटनाएं भारत में तेजी से बढ़ते हृदय संबंधी स्वास्थ्य संकट की ओर इशारा करती हैं. गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) की ‘मृत्यु के कारणों’ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में हृदय रोग अब मौत का प्रमुख कारण बन चुका है.
रिपोर्ट बताती है कि भारत में कुल मौतों में से लगभग एक तिहाई मौतें हृदय रोगों के कारण हो रही हैं. पिछले एक दशक में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. जहां पहले यह प्रतिशत करीब 22 था, वहीं 2021 से 2023 के बीच यह बढ़कर लगभग 31 प्रतिशत तक पहुंच गया.
विशेषज्ञों का मानना है कि तनावपूर्ण जीवनशैली, समय पर इलाज न मिलना और आपातकालीन जागरूकता की कमी इस संकट को और गंभीर बना रही है. बेंगलुरु की यह घटना समाज और प्रशासन—दोनों के लिए एक चेतावनी है.


