GST में बड़ा बदलाव, आपकी जेब पर कब और कैसे पड़ेगा असर?
भारत में जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक के बाद 22 सितंबर 2025 से नई जीएसटी दरें लागू होने जा रही हैं. छोटे वाहनों, दवाइयों, कृषि उपकरणों और रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स कम किया गया है, जबकि बड़ी गाड़ियों और कुछ विलासिता वस्तुओं पर 40% की विशेष दर लागू की जाएगी.

New GST Rates: भारत सरकार ने जीएसटी दरों में बड़े बदलाव की घोषणा कर दी है. जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसलों के अनुसार नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी. आम उपभोक्ताओं से लेकर व्यापार जगत तक हर वर्ग पर इसका असर देखने को मिलेगा. छोटे वाहनों से लेकर दवाइयों, बीमा पॉलिसियों और रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों तक, कई क्षेत्रों में राहत दी गई है, वहीं कुछ मामलों में टैक्स दरें बढ़ाई भी गई हैं.
इस संशोधन का सबसे बड़ा उद्देश्य टैक्स संरचना को सरल बनाना, उपभोक्ताओं पर बोझ घटाना और उत्पादन क्षेत्र को बढ़ावा देना है. हालांकि, कुछ विलासिता और तथाकथित सिन गुड्स पर टैक्स भार को बरकरार रखा गया है ताकि राजस्व में संतुलन बना रहे. आइए विस्तार से जानते हैं कि किस पर कितना जीएसटी लगेगा.
कब से लागू होंगे नए बदलाव?
जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के अनुसार, 22 सितंबर 2025 से नई दरें लागू होंगी. हालांकि, सिगरेट, जर्दा, बिना प्रोसेस तंबाकू और बीड़ी पर फिलहाल पुरानी दरें ही जारी रहेंगी. इन पर नई दरें बाद में अधिसूचना के जरिए लागू की जाएंगी.
दवाइयों पर जीएसटी
सभी दवाइयों पर 5% रियायती जीएसटी लागू रहेगा. पूरी तरह छूट नहीं दी गई क्योंकि ऐसा करने पर निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं ले पाएंगे, जिससे दवाइयों की लागत बढ़ सकती है और उपभोक्ता को महंगी दवाइयां मिलेंगी.
छोटे वाहनों पर जीएसटी
छोटी कारों पर (Petrol/LPG/CNG – 1200cc तक और 4000mm लंबाई तक, Diesel – 1500cc तक और 4000mm लंबाई तक) पर दर घटकर 28% से 18% हो गई है.
बड़ी और मिड-साइज कारें व एसयूवी
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इंजन क्षमता 1500cc से अधिक या लंबाई 4000mm से ऊपर वाली कारों पर अब 40% जीएसटी लगेगा.
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सभी एसयूवी, एमयूवी, एमपीवी, एक्सयूवी (170mm से अधिक ग्राउंड क्लीयरेंस) पर भी 40% जीएसटी लागू होगा.
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पहले इन पर 28% जीएसटी + 17-22% क्षतिपूर्ति उपकर लगता था.
अन्य वाहन
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थ्री-व्हीलर: दर 28% से घटाकर 18%
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10 या उससे अधिक यात्रियों वाली बसें: 28% से घटकर 18%
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एम्बुलेंस: 28% से घटकर 18%
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लॉरी और ट्रक (माल ढुलाई वाहन): 28% से घटकर 18%
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मोटरसाइकिल: 350cc तक – 18%; 350cc से ऊपर – 40%
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साइकिल और पार्ट्स पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है.
कृषि उपकरणों पर राहत
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स्प्रिंकलर, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, हार्वेस्टिंग मशीनरी, बंकर, बीन मशीनरी आदि पर 12% से घटाकर 5% जीएसटी.
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पूरी छूट न देने का कारण: इनपुट टैक्स क्रेडिट का नुकसान होने पर किसानों को महंगे दाम चुकाने पड़ सकते थे.
रोजमर्रा की वस्तुएं
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टॉयलेट सोप बार: 5% (पहले 18%).
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फेस पाउडर और शैंपू: दर कम की गई ताकि आम जनता को लाभ मिले.
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भारतीय ब्रेड (रोटी, पराठा, पिज़्ज़ा ब्रेड आदि): सभी पर छूट, अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा.
विशेष दर 40% क्यों?
यह दर चुनिंदा वस्तुओं जैसे लक्जरी और सिन गुड्स पर लागू है. पहले इन पर जीएसटी + क्षतिपूर्ति उपकर लगता था. अब उपकर हटा दिया गया और 40% का स्पेशल रेट तय किया गया है.
बीमा योजनाओं पर जीएसटी छूट
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जीवन बीमा: टर्म, यूएलआईपी, एंडोमेंट प्लान और पुनर्बीमा सेवाओं पर छूट.
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स्वास्थ्य बीमा: फैमिली फ्लोटर, सीनियर सिटीजन पॉलिसी और पुनर्बीमा सेवाओं पर छूट.
अन्य बदलाव
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कोयला: पहले 5% जीएसटी + ₹400/टन उपकर लगता था. अब केवल एकीकृत दर लागू, उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं.
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कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक/जूस: दरें बढ़ाई गईं ताकि उपकर हटने के बाद भी टैक्स बोझ समान रहे.
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पनीर बनाम अन्य चीज: ढीले (अनपैक्ड) पनीर पर पहले से ही छूट थी, बदलाव केवल पैकेज्ड पनीर पर लागू.


