जबरदस्त उछाल के बाद भी तेजी जारी! 2026 में सोना-चांदी से कितना मुनाफा? जानें कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न
साल 2025 सोने-चांदी के निवेशकों का स्वर्ण-काल साबित हुआ है. पूरे साल चली शानदार तेजी ने दोनों धातुओं को नई ऊंचाइयां दीं. चांदी ने तो एक साल में करीब 144% का धमाकेदार उछाल लगाया, जबकि सोना भी 73% चढ़ा. अब सबकी नजर 2026 पर है कि क्या ये चमक बरकरार रहेगी?

नई दिल्ली: साल 2025 ने सोना और चांदी में निवेश करने वालों के लिए जबरदस्त रिटर्न का रास्ता खोला. साल की शुरुआत में शुरू हुई तेजी पूरे साल कायम रही, जिससे दोनों कीमती धातुओं ने निवेशकों को मालामाल कर दिया. कीमतों में आई इस मजबूती के चलते सोना-चांदी एक बार फिर निवेशकों की पहली पसंद बनकर उभरे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2024 में चांदी की कीमत 85,146 रुपये प्रति किलो थी, जिसमें एक साल के भीतर करीब 144 फीसदी का उछाल देखने को मिला. वहीं सोने के दाम भी इसी अवधि में लगभग 73 प्रतिशत तक चढ़ गए. अब निवेशकों के मन में यह सवाल है कि क्या साल 2026 में भी यही रफ्तार बनी रहेगी या बाजार की चाल बदल सकती है.
2026 में सोना-चांदी पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2026 में भी सोना और चांदी दोनों मजबूत स्थिति में रह सकते हैं, हालांकि रिटर्न की गति 2025 के मुकाबले थोड़ी सामान्य हो सकती है. कुछ रिपोर्ट के अनुसार, कम ब्याज दरों और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सोना स्थिर प्रदर्शन दे सकता है, जबकि इंडस्ट्रियल डिमांड की वजह से चांदी रिटर्न के मामले में सोने से आगे निकल सकती है.
सोना-चांदी की कीमतों को लेकर अनुमान
1BJA के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी का अनुमान है कि आने वाले समय में सोने की कीमतें 1.50 लाख से 1.65 लाख रुपये के स्तर तक पहुंच सकती हैं. वहीं चांदी में भी अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है और इसके दाम 2.30 लाख से 2.50 लाख रुपये तक जाने की संभावना है.
तेजी के पीछे क्या हैं बड़े कारण
सोना और चांदी की कीमतों में जारी उछाल के पीछे कई वैश्विक कारण जिम्मेदार हैं. दुनिया भर के केंद्रीय बैंक लगातार बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी कर रहे हैं, जिससे इसकी मांग बनी हुई है. दूसरी ओर, फैक्ट्रियों और औद्योगिक क्षेत्रों में चांदी की बढ़ती जरूरत ने इसके दामों को मजबूती दी है.
निवेश को लेकर क्या होनी चाहिए रणनीति
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने में लंबी अवधि के लिए SIP के जरिए निवेश करना फायदेमंद हो सकता है, जिससे औसत लागत पर बेहतर रिटर्न मिल सके. सेनको गोल्ड के सुवंकर सेन के अनुसार, सोना पोर्टफोलियो को स्थिरता देता है, जबकि चांदी ज्यादा मुनाफे का अवसर प्रदान करती है.
वहीं कुछ का एक्सपर्ट्स कहना है कि चांदी की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है, ऐसे में SIP के जरिए निवेश जोखिम को संतुलित करने का बेहतर तरीका हो सकता है.


