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गीता गोपीनाथ का IMF से इस्तीफा, अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में करेंगी प्रोफेसरी

अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की सबसे प्रभावशाली आवाजों में से एक, भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ अब एक नई पारी की ओर अग्रसर हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में सात साल की शानदार सेवा के बाद, वह अगस्त 2025 में IMF को अलविदा कहने जा रही हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ अगस्त में IMF से विदा लेने जा रही हैं. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक संस्था में शीर्ष पदों में शुमार गीता अब अपने अकादमिक जीवन में वापसी करेंगी. वह 1 सितंबर 2025 से हार्वर्ड विश्वविद्यालय में ग्रेगरी एंड अनिया कॉफी प्रोफेसर ऑफ इकोनॉमिक्स के रूप में फिर से कार्यभार संभालेंगी.

गीता गोपीनाथ 2019 में IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट बनी थीं, और 2022 में उन्हें पहली बार किसी महिला को मिला डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर का पद सौंपा गया. उन्होंने IMF में अपने 7 वर्षों के कार्यकाल को "एक जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर" बताया और कहा कि अब वह वापस अकादमिक क्षेत्र में लौटकर वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर शोध करेंगी.

IMF छोड़कर क्यों लौट रहीं हैं गीता गोपीनाथ?

गीता गोपीनाथ ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "IMF में लगभग 7 अद्भुत वर्षों के बाद, मैंने अपने अकादमिक मूल में लौटने का निर्णय लिया है." उन्होंने आगे लिखा, "मैं अब फिर से अपने शोध को अंतरराष्ट्रीय वित्त और मैक्रोइकोनॉमिक्स में आगे बढ़ाने की ओर अग्रसर हूं और नई पीढ़ी के अर्थशास्त्रियों को प्रशिक्षित करने की दिशा में काम करूंगी."

हार्वर्ड में फिर निभाएंगी नई भूमिका

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट में गीता गोपीनाथ अब "ग्रेगरी और एनिया कॉफ़ी अर्थशास्त्र के प्रोफेसर की भूमिका में होंगी. इससे पहले वह 2005 से 2022 तक हार्वर्ड में जॉन ज्वानस्ट्रा प्रोफेसर रही थी. 2001 से 2005 तक उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम किया था.

IMF में ऐतिहासिक योगदान

गीता IMF की पहली महिला चीफ इकोनॉमिस्ट थीं. कोविड-19 महामारी के दौर में उन्होंने ‘Pandemic Plan’ का सह-लेखन किया, जिसमें विश्व भर में टीकाकरण के लक्ष्य और उसकी लागत का स्पष्ट खाका तैयार किया गया था. IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा, “गीता एक उत्कृष्ट बौद्धिक नेता और हमारी टीम की आधारशिला रही हैं. उन्होंने IMF की रिपोर्ट्स को वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक बनाए रखा, खासकर महामारी के चुनौतीपूर्ण दौर में.”

वैश्विक मंचों पर रखी IMF की मजबूत मौजूदगी

IMF की वरिष्ठ नेतृत्व टीम का हिस्सा रहते हुए, गीता गोपीनाथ ने G-7 और G-20 जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर IMF का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने मौद्रिक और राजकोषीय नीति, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और ऋण जैसे अहम क्षेत्रों में IMF की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट का नेतृत्व किया.

भावुक विदाई, लेकिन नई शुरुआत की तैयारी

गीता गोपीनाथ ने अपने बयान में लिखा, “मैं IMF की सदस्यता की सेवा करने का अवसर पाकर खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं. यह एक प्रेरक और परिवर्तनकारी अनुभव रहा है. अब समय है अपने मूल क्षेत्र, शिक्षा और शोध में लौटने का, ताकि वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर समाधान खोजे जा सकें.”

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22 July 2025, 11:47 AM IST

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