हर भारतीय को मिले फ्री हेल्थ चेकअप का अधिकार, राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार से की मांग
राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में एक महत्वपूर्ण और जनस्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा उठाया है, जो हर भारतीय नागरिक की सेहत को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है.उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्रत्येक नागरिक को सालाना स्वास्थ्य जांच (Annual Health Check-up) का कानूनी अधिकार दिया जाए.

आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में एक बेहद जरूरी और जनहित से जुड़ी मांग उठाई है. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि हर भारतीय नागरिक को सालाना स्वास्थ्य जांच (Annual Health Check-up) का कानूनी अधिकार दिया जाए. उनका कहना है कि कोविड-19 के बाद हार्ट फेल्योर और अन्य बीमारियों के मामलों में भारी बढ़ोतरी देखी गई है, ऐसे में समय पर जांच से कई जानें बचाई जा सकती हैं.
राघव चड्ढा ने यह मुद्दा संसद में तब उठाया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सदन की अध्यक्षता कर रहे थे, और यह भी एक संयोग रहा कि धनखड़ के इस्तीफे से ठीक पहले राघव चड्ढा ही अंतिम सांसद थे जिन्होंने सदन में अपनी बात रखी.
स्वास्थ्य जांच को बनाए कानूनी अधिकार: राघव चड्ढा
राघव चड्ढा ने कहा, “जांच है तो जान है. अगर बीमारी का शुरुआती चरण में पता चल जाए तो इलाज आसान हो जाता है और जान बचाई जा सकती है.” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “कई देशों में सरकार नागरिकों की सालाना स्वास्थ्य जांच का खर्च उठाती है और इसे अनिवार्य बनाती है. तो फिर भारत में क्यों नहीं?”
कोविड के बाद स्वास्थ्य संकट गहराया
कोविड महामारी के बाद दिल की बीमारियों, सांस से जुड़ी समस्याओं और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में भारी इजाफा हुआ है. विशेषज्ञों के अनुसार, पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन अब सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुके हैं. ऐसे में हर व्यक्ति के लिए सालाना जांच अनिवार्य और मुफ़्त करना, सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.
I raised a demand in Parliament:
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) July 22, 2025
Make Annual Health Check-up a Legal Right of every citizen.
Post COVID-19, we’re seeing a sharp rise in heart failures and other health issues. Early detection can save lives.
In many countries, the government funds & mandates annual health… pic.twitter.com/FqnloWNx3x
अमीरों तक सीमित न रहे स्वास्थ्य सेवाएं
चड्ढा ने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा अमीरों का विशेषाधिकार नहीं हो सकती. यह हर नागरिक का अधिकार होना चाहिए, चाहे वो किसी भी वर्ग, जाति या राज्य से क्यों न आता हो. जो व्यवस्था सिर्फ पैसे वालों को अच्छे अस्पताल और जांच की सुविधा देती है, वो लोकतांत्रिक नहीं है, बल्कि अन्यायपूर्ण है.
वैश्विक उदाहरणों से मिले प्रेरणा
चड्ढा ने संसद में उदाहरण देते हुए बताया कि अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई विकसित देशों में नागरिकों की सालाना स्वास्थ्य जांच को अनिवार्य और सरकारी खर्च पर उपलब्ध कराया गया है. भारत जैसे विकासशील देश में जहां स्वास्थ्य संसाधनों की कमी है, वहां यह कदम और भी जरूरी हो जाता है.
राघव चड्ढा का संवेदनशील वक्तव्य
अपने वक्तव्य के अंत में राघव चड्ढा ने कहा, "Jaanch hai toh Jaan hai", और साथ ही यह भी जोड़ा कि वे श्री जगदीप धनखड़ के अध्यक्ष पद से इस्तीफे से ठीक पहले सदन में बोलने वाले अंतिम सांसद थे, जो इस चर्चा को एक ऐतिहासिक संदर्भ भी देता है.


