सोने की चमक पड़ी फीकी, चांदी ने रचा इतिहास! ₹2 लाख पार होने के बाद अब ₹2.5 लाख का टारगेट, जानिए तेजी की असली वजह
एक्सपर्ट टीम ने एक दिलचस्प सलाह दी है कि अगर सोने की घरेलू कीमतें ₹1.70 लाख से ₹1.78 लाख प्रति 10 ग्राम के दायरे में आती हैं, तो इसे खरीदारी का शानदार मौका समझें! उनका मानना है कि 2026 तक सोने की कीमत ₹2.40 लाख से ₹2.50 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है.

नई दिल्ली: निवेश की दुनिया में साल 2025 अगर किसी एक धातु के नाम रहा है, तो वह चांदी है. साल की शुरुआत से अब तक करीब 120 प्रतिशत की जोरदार तेजी के साथ चांदी ने ₹2 लाख प्रति किलो का ऐतिहासिक स्तर छू लिया है. यह उछाल 1979 के बाद का सबसे बड़ा वार्षिक प्रदर्शन माना जा रहा है. हालांकि, बाजार के जानकारों का मानना है कि यह रैली यहीं थमने वाली नहीं है. विशेषज्ञों के मुताबिक, मौजूदा हालात बने रहे तो 2026 तक चांदी ₹2.5 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकती है, यानी मौजूदा स्तर से करीब 25 फीसदी की और बढ़त संभव है.
चांदी में क्यों आई बंपर तेजी?
इस तेजी को महज सट्टा नहीं माना जा रहा है, बल्कि इसके पीछे ठोस सप्लाई संकट और तेजी से बढ़ती औद्योगिक मांग है. Axis Direct के मुताबिक, दुनियाभर में चांदी की माइनिंग करीब 810 मिलियन औंस पर स्थिर बनी हुई है और पिछले पांच सालों में इसमें लगभग कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. चांदी का करीब 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा तांबा, सीसा और जिंक जैसी धातुओं की माइनिंग के दौरान बायप्रोडक्ट के तौर पर निकलता है. ऐसे में, कीमतें बढ़ने के बावजूद चांदी की सप्लाई तेजी से बढ़ पाना मुश्किल है, क्योंकि मुख्य धातुओं की मांग उतनी मजबूत नहीं है.
सोलर सेक्टर ने बदली तस्वीर
एक्सपर्ट का कहना है कि चांदी की मांग में सबसे बड़ा बदलाव सोलर फोटोवोल्टिक सेक्टर की वजह से आया है. साल 2020 में जहां सोलर इंडस्ट्री की चांदी खपत 94.4 मिलियन औंस थी, वहीं 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 243.7 मिलियन औंस तक पहुंच गया. अब अकेला सोलर सेक्टर ही वैश्विक चांदी मांग का करीब 21 प्रतिशत हिस्सा ले रहा है, जिसने सप्लाई पर दबाव और बढ़ा दिया है.
ग्लोबल मार्केट में भी सप्लाई टाइट
वैश्विक बाजारों में भी चांदी की कमी के संकेत साफ दिख रहे हैं. COMEX और लंदन स्पॉट प्राइस के बीच बने प्रीमियम की वजह से अमेरिका बड़ी मात्रा में चांदी खींच रहा है. इसका असर यह हुआ है कि लंदन के वॉल्ट्स तेजी से खाली हो रहे हैं और ग्लोबल मार्केट में तरलता घटती जा रही है. हालांकि COMEX इन्वेंट्री में बढ़ोतरी दिख रही है, लेकिन यह स्टॉक दूसरे बाजारों से खिंचकर आया हुआ बताया जा रहा है.
टेक्निकल चार्ट क्या संकेत दे रहे हैं?
एक्सपर्ट के अनुसार, चांदी ने एक दशक पुराना बॉटमिंग पैटर्न तोड़ दिया है. अगर यह $67 के ऊपर क्लोजिंग देती है, तो $76 से $80 की रेंज तक जाना संभव है. हालांकि, $65 के आसपास थोड़ी रुकावट देखने को मिल सकती है.
निवेश के लिए सही मौका कब?
एक्सपर्ट की सलाह है कि अगर घरेलू बाजार में चांदी की कीमतें ₹1.70 लाख से ₹1.78 लाख प्रति किलो के दायरे में आती हैं, तो इसे निवेश का बेहतर मौका माना जा सकता है. उनका अनुमान है कि 2026 तक चांदी ₹2.40 से ₹2.50 लाख प्रति किलो के स्तर तक पहुंच सकती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी सिर्फ महंगी नहीं हो रही, बल्कि दोबारा मूल्यांकित हो रही है. भौतिक कमी, बढ़ती औद्योगिक मांग और निवेशकों की दिलचस्पी के चलते मौजूदा रैली को टिकाऊ माना जा रहा है.


