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लाखों SIP निवेशकों ने पैसे लगाना किया बंद, बाजार में छाया डर का साया

पिछले कुछ सालों में SIP निवेश का सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका बनकर उभरा है, लेकिन ताजा आंकड़े चौंकाने वाले हैं. अब लाखों लोग अपनी SIP बंद कर रहे हैं. आखिर निवेशकों का भरोसा क्यों टूट रहा है? चलिए, सरल भाषा में समझते हैं.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड में SIP निवेश पिछले कुछ सालों में निवेशकों के लिए सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका बन गया था. हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश करके बड़ा फंड बनाने की सुविधा ने लाखों लोगों को आकर्षित किया. लेकिन हाल ही में आंकड़े बताते हैं कि निवेशक अब अपनी SIP बंद कर रहे हैं. सितंबर 2025 में रिकॉर्ड 44 लाख से अधिक SIP रद्द हुईं, जो निवेशकों की बदलती रणनीतियों और बाजार की अस्थिरता का संकेत है.

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़े दिखाते हैं कि SIP बंद होने का ट्रेंड लगातार बदल रहा है. निवेशक अपने पोर्टफोलियो का मूल्यांकन कर रहे हैं और कभी-कभी पुरानी SIP रोककर नई रणनीति अपनाना चुनते हैं. आइए जानते हैं SIP बंद होने के पीछे की प्रमुख वजहें.

सितंबर में बंद हुईं 44 लाख SIPs

AMFI के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में लगभग 44.03 लाख SIP बंद हुईं. अगस्त में यह संख्या 41.15 लाख थी, यानी करीब 7% की बढ़ोतरी. पिछले साल इसी महीने 40 लाख SIP रद्द हुई थीं. यह आंकड़ा दिखाता है कि निवेशक अब अपनी रणनीतियों पर दोबारा विचार कर रहे हैं.

चार महीने से जारी SIP में उतार-चढ़ाव

AMFI के डेटा के अनुसार, पिछले चार महीनों में SIP बंद होने की संख्या लगातार बदल रही है. जून में 48 लाख, जुलाई में 43 लाख, अगस्त में 41 लाख और सितंबर में फिर बढ़कर 44 लाख SIP बंद हुईं. इससे स्पष्ट होता है कि निवेशक अपने निवेश को लेकर अभी भी असमंजस में हैं और लगातार समीक्षा कर रहे हैं.

SIP बंद करने की मुख्य वजहें

पोर्टफोलियो को बेहतर बनाना:- कई निवेशक जोखिम कम करने और बेहतर रिटर्न पाने के लिए अपने निवेश को कई छोटे SIPs में विभाजित करते हैं. इसके लिए उन्हें पुरानी SIP रोकनी पड़ती है और नई रणनीति अपनानी होती है.

 गलत फंड का चुनाव:- कभी-कभी निवेशक बाद में समझते हैं कि उन्होंने ऐसा फंड चुना जो उनके लक्ष्य या रिस्क प्रोफाइल से मेल नहीं खाता. ऐसे में SIP रोककर Systematic Transfer Plan (STP) के जरिए पैसे को बेहतर फंड में शिफ्ट करना सही कदम माना जाता है.

सेक्टर फंड का खराब प्रदर्शन:- अगर किसी सेक्टर-आधारित फंड का प्रदर्शन लंबे समय से कमजोर है, तो उसमें SIP जारी रखना नुकसानदेह हो सकता है. निवेशक ऐसे समय में ब्रॉड मार्केट या लार्ज कैप फंड में शिफ्ट होना पसंद करते हैं.

आर्थिक दबाव या इमरजेंसी:- नौकरी छूटना, मेडिकल खर्च या पारिवारिक वित्तीय संकट जैसी स्थितियों में SIP रोकना मजबूरी बन जाता है. इस समय नकदी बनाए रखना प्राथमिकता होती है.

SIP रोकना हमेशा गलती नहीं

अक्सर कहा जाता है कि SIP कभी बंद नहीं करनी चाहिए, लेकिन वित्तीय विशेषज्ञ इससे पूरी तरह सहमत नहीं हैं. उनका मानना है कि SIP रोकना जरूरी नहीं कि खराब फैसला हो. यह निर्णय निवेशक की जरूरत, फाइनेंशियल सलाह और रणनीति पर आधारित होना चाहिए.

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11 November 2025, 12:20 PM IST

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