भारत का 'ट्रेड और ट्रैवल' से तुर्किये को करारा जवाब....दोस्ती के बदले गद्दारी नहीं सहेंगे!
भारत ने तुर्किये को करारा जवाब दिया है—ना अब टूरिज़्म, ना ट्रेड! वजह जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे कि तुर्किये ने ऐसा क्या कर दिया कि भारत के लोग गुस्से से भर गए और खुलकर उसका बहिष्कार शुरू कर दिया. अब बुकिंग कैंसिल हो रही है, व्यापार रुक रहा है और तुर्किये की टेंशन बढ़ती जा रही है. जानिए पूरा मामला, जिसने दोस्ती को बदल दिया दुश्मनी में!

Nation First: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया. दोनों देशों के बीच ड्रोन हमलों की खबरों ने माहौल गरमा दिया. इसी बीच एक बड़ी बात सामने आई कि पाकिस्तान को हमले के लिए ड्रोन सप्लाई करने वाला कोई और नहीं बल्कि तुर्किये था—वही देश जिसे भारत ने समय-समय पर मदद दी थी. इस खबर ने हर भारतीय को अंदर से झकझोर दिया.
जब भरोसा टूटा तो भारत ने लिया बड़ा फैसला
तुर्किये के इस कदम को भारतीयों ने “दोस्ती में धोखा” माना. अब देश के लोगों ने आवाज बुलंद की है कि न तो अब तुर्किये घूमेंगे और न ही उसके साथ कोई व्यापार करेंगे. देशभर में #TurkeyBoycott ट्रेंड करने लगा और इसके असर भी नजर आने लगे हैं.
Indians gave Rs 4,000+cr to Turkey & Azerbaijan last year through tourism. Created jobs. Boosted their economy, hotels, weddings, flights.
Today, both stand with Pakistan after Pahalgam attack.
Plenty of beautiful places in India & the world.
Please skip these 2 places.
Jai…
— Harsh Goenka (@hvgoenka) May 13, 2025
घूमना बंद, बुकिंग रद्द
भारत के ट्रैवल सेक्टर पर इसका सीधा असर पड़ा है. MakeMyTrip जैसे प्लेटफॉर्म्स पर तुर्किये और अजरबैजान की करीब 60% बुकिंग सिर्फ एक हफ्ते में रद्द हो गई हैं. भारतीय पर्यटक अब उन देशों की ओर रुख नहीं कर रहे जो भारत के खिलाफ खड़े हैं. इतना ही नहीं, टूर ऑपरेटर्स ने भी तुर्किये से जुड़े सभी ऑफर्स हटाने शुरू कर दिए हैं.
JNU और कैट भी साथ आए मैदान में
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) ने भी बड़ा फैसला लेते हुए तुर्किये की इनोनू यूनिवर्सिटी के साथ अपना समझौता तोड़ दिया है. वहीं, भारत के व्यापारिक संगठन CAIT (कैट) ने भी साफ कर दिया है कि तुर्किये, चीन और अजरबैजान जैसे देशों के बहिष्कार का समर्थन करेंगे. उन्होंने अन्य व्यापारी और टूर ऑपरेटर समूहों से भी इस मुहिम को तेज़ करने का आह्वान किया है.
तुर्किये को लगेगा बड़ा झटका!
2024 के आंकड़ों के अनुसार, तुर्किये में 62 मिलियन विदेशी पर्यटक आए थे, जिनमें 3 लाख से ज्यादा भारतीय थे.
अब जब भारतीय पर्यटक ही नहीं जाएंगे, तो पर्यटन से मिलने वाला मोटा राजस्व भी कम हो जाएगा. यही नहीं, भारत हर साल तुर्किये से करीब 3.78 अरब डॉलर की वस्तुएं आयात करता है. इसमें खनिज, रसायन, मशीनरी से लेकर सेब तक शामिल हैं. लेकिन अब भारतीय व्यापारी इन वस्तुओं की खरीद से भी पीछे हट रहे हैं.
आखिर में बात साफ है
भारत ने अब साफ कर दिया है कि अगर कोई देश उसकी पीठ में छुरा घोपेगा, तो वह चुप नहीं बैठेगा. 'ट्रेड और ट्रैवल' से तुर्किये को जवाब देकर भारत ने दिखा दिया है कि अपनी सुरक्षा और सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा. अब तुर्किये को तय करना है—ड्रोन देगा या दोस्ती निभाएगा!


